जलवायु परिवर्तन: कार्बन उत्सर्जन कम नहीं हुआ तो रहने लायक ही नहीं रह जाएगा भारत, तप जाएगी हीट वेब से देश की धरती

आईआईटी-रूड़की और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज बेंगलुरू के कुछ रिसर्चर्स का दावा, 2030 तक अहमदाबाद की 70 फीसदी भूमि का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा

जलवायु परिवर्तन: कार्बन उत्सर्जन कम नहीं हुआ तो रहने लायक ही नहीं रह जाएगा भारत, तप जाएगी हीट वेब से देश की धरती

आईपीसीसी की जलवायु परिवर्तन पर एक रिपोर्ट जारी की गई थी कि भारत में अगर कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं किया गया तो जल्द ही भारत रहने लायक ही नहीं रह जाएगा, क्योंकि देश की धरती ‘हीट वेब’ से तप जाएगी। वहीं इसी तरह का दावा आईआईटी रूड़की और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज बेंगलुरू के शोधार्थियों ने भी किया है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि साल 2030 तक अहमदाबाद की 70 फीसदी भूमि का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने अहमदाबाद शहर के सरखेज, शिलाज, सोला के कुछ हिस्से, चांदखेड़ा, मोटेरा, त्रगड, अमियपुर, ओग्नाज और साबरमती कुछ भागों में अगले एक दशक में तामपमान 45 डिग्री तक पहुंच सकता है। वहीं शहर के गोटा, जगतपुरा और अंबली जैसे इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। शोध में यह भी बात सामने आई है कि साबरमती नदी के पूर्व में हवाई अड्डा क्षेत्र, हंसोल, शवदी, पिपलाज, नरोल गाम, वटवा, इसानपुर, मणिनगर, बेहरामपुरा, केलिको मिल्स क्षेत्र, खोदियारनगर, इंदिरा नगर और लंभा के क्षेत्र के लोगों को 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहना होगा। साल 2020 में इन क्षेत्रों में  गर्मियों के दौरान औसत परिवेश का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।