कोच्चि-मेंगलुरु गैस पाइपलाइन का शुभारंभ: पीएम मोदी ने कहा- नेचुरल गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से लोगों की जिंदगी बदलेगी

केरल व कर्नाटक में ईज ऑफ लिविंग बढ़ेगी, उद्यमियों का खर्च कम होगा, किसानों को भी होगा लाभ

कोच्चि-मेंगलुरु गैस पाइपलाइन का शुभारंभ: पीएम मोदी ने कहा- नेचुरल गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से लोगों की जिंदगी बदलेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि-मेंगलुरु नेचुरल गैस पाइपलाइन की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम की। पीएम मोदी ने कहा कि 450 किमी की कोच्चि-मेंगलुरु पाइपलाइन के उद्घाटन से गर्व महसूस हो रहा है। पाइपलाइन इस बात का उदाहरण है कि सभी मिलकर काम करें तो कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं। इस प्रोजेक्ट से केरल और कर्नाटक में ईज ऑफ लिविंग बढ़ेगी। इस पाइपलाइन से दोनों राज्यों में ईज ऑफ लिविंग बढ़ेगी। उद्यमियों का खर्च कम होगा। ये पाइपलाइन अनेक शहरों में ब्छळ आधारित सिस्टम को बढ़ावा देगी। कम खर्च में फर्टिलाइजर बन सकेंगे, किसानों को मदद मिलेगी। स्वच्छ ऊर्जा देगी। कार्बन एमिशन कम होने से प्रदूषण कम होगा, लोगों की सेहत अच्छी होगी, बीमारियों पर खर्च घटेगा। शहर में गैस आधारित व्यवस्था होगी एवं टूरिज्म बढ़ेगा। फर्टिलाइजर, केमिकल, बिजली जैसे उद्योग हों, सभी को इससे लाभ होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जब पाइपलाइन पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देगी तो विदेशी मुद्रा खर्च काफी कम हो जाएगा। दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि 21वीं सदी में जो भी देश कनेक्टिविटी और क्लीन एनर्जी पर जोर देगा, वो तेजी से नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। आज हाईवे, रेलवे, मेट्रो, एयर, वॉटर, डिजिटल कनेक्टिविटी में जितना काम भारत में हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। हमारा सौभाग्य है कि इसे होते हुए देख रहे हैं। इस विकास आंदोलन का हिस्सा हैं। पिछली सदी में भारत जिस रफ्तार से चला, उसकी अपनी वजह रही है। आज का युवा भारत अब धीरे नहीं चल सकता। बीते सालों में देश ने स्पीड, स्कोप और स्केल को बढ़ाया।

इस पाइपलाइन से 700 सीएनजी स्टेशन खोलने में मदद मिलेगी
जितना काम 27 साल में हुआ, उससे कहीं कम वक्त में हमने काम किया है। 2014 तक 22 साल में देश में सीएनजी स्टेशन 900 से ज्यादा नहीं थे। बीते 6 साल में 1500 के करीब स्टेशन शुरू हुए हैं। हम इस आंकड़े को 10 हजार तक पहुंचाना चाहते हैं। ये गैस पाइपलाइन केरल-कर्नाटक में 700 सीएनजी स्टेशन खोलने में मदद करेगी। पहले 25 लाख घरों में पाइपलाइन से गैस पहुंच रही थी, अब 72 लाख घरों में पाइपलाइन से गैस पहुंच रही है। हमारे यहां केरोसिन को लेकर लंबी-लंबी लाइनें लगा करती थीं, इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार में तनाव रहता था। आज जब गैस घर-घर तक पहुंच गई है तो केरोसिन की किल्लत भी कम हुई है। कई राज्य खुद को केरोसिनमुक्त राज्य घोषित कर चुके हैं। आज देश में बायो फ्यूल पर बड़े स्तर पर काम चल रहा है। इथेनॉल के निर्माण पर काम किया जा रहा है। इसे पेट्रोल में 20 प्रतिशत तक करने लक्ष्य रखा गया है। देश के लोगों को प्रदूषण रहित ईंधन-बिजली मिले, इसके लिए लगातार काम कर रहे हैं। केरल, कर्नाटक और दक्षिण के समुद्र से सटे इलाकों में ब्लू इकोनॉमी के लिए बहुत काम हो रहा है। पोर्ट्स, कोस्टल रूट्स को कनेक्ट किया जा रहा है। समुद्रों के किनारे बसी बड़ी आबादी किसानों और मछुआरों की है। वे समुद्री इलाके के संरक्षक भी हैं। मछुआरों को डीप-सी फिशिंग में मदद की जा रही है। कुछ दिनों पहले 20 हजार करोड़ की मत्स्य परियोजना शुरू की गई है।