कानपुर डाक विभाग की लापरवाही : छोटा राजन और माफिया मुन्ना बजरंगी के नाम पर डाक टिकट जारी

छोटा राजन मुंबई हमले का मास्टरमाइंड जेल में, माफिया मुन्ना बजरंगी दुनिया छोड़कर चला गया

कानपुर डाक विभाग की लापरवाही : छोटा राजन और माफिया मुन्ना बजरंगी के नाम पर डाक टिकट जारी

उत्तरप्रदेश के कानपुर में डाक विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। यहां इंटरनेशनल क्रिमिनल छोटा राजन और बागपत जेल में मारे गए शॉर्प शूटर मुन्ना बजरंगी की फोटो वाले डाक टिकट जारी कर दिए गए। इन टिकटों के जरिए देश में कहीं भी चिट्ठी भेजी जा सकती है। यह टिकट माई स्टांप योजना के तहत छापे गए हैं। मामले ने तूल पकड़ा तो अब डाक विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। माई स्टांप योजना के तहत छापे गए इन डाक टिकट के लिए 600 रुपए फीस जमा की गई थी, जिसके एवज में विभाग ने 12 टिकट छोटा राजन के और 12 टिकट मुन्ना बजरंगी के जारी किए। हर टिकट का मूल्य पांच रुपए है। लापरवाही की हद ये है कि टिकट जारी करने से पहले न फोटो की पड़ताल की गई और न ही कोई सर्टिफिकेट मांगा गया। माफिया मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में हत्या कर दी गई थी। वहीं छोटा राजन को 2015 में बाली से गिरफ्तार करके भारत लाया गया था। अभी वह तिहाड़ जेल में है। छोटा राजन मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और दाउद का गुर्गा है।

पोस्ट मास्टर जनरल ने कहा- यह मामला बेहद गंभीर है, मैं खुद जांच कर रहा हूं
पोस्ट मास्टर जनरल वीके वर्मा ने कहा, ‘मुझे मामले की जानकारी मीडिया से मिली। यह मामला बेहद गंभीर है। जिसकी मैं खुद जांच कर रहा हूं। पता कर रहा हूं कि गलती किससे हुई है? यह तय किया जाएगा कि अब ऐसी गलती न हो। माई स्टांप योजना 2011 में शुरू की गई थी। इसके तहत सिर्फ 300 रुपए फीस देकर कोई भी व्यक्ति अपनी तस्वीरों वाले 12 डाक टिकट जारी करवा सकता है। ये दूसरे डाक टिकटों की तरह मान्य होते हैं, इनसे आप देश के किसी कोने में डाक भेज सकते हैं। टिकट बनवाने के लिए पासपोर्ट साइज का फोटो और पूरा ब्यौरा देना पड़ता है। एक फाॅर्म भरवाया जाता है, जिसमें पूरी जानकारी देनी पड़ती है, जिसके नाम पर डाक टिकट जारी हो रहा है, उसका जीवित रहना जरूरी है। उस व्यक्ति को सत्यापन के लिए डाक विभाग भी जाना पड़ता है।