एमपी के गृह मंत्री मिश्रा का बयान: पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश के लिए विधानसभा के अगले सत्र में प्रस्ताव पेश करेगी सरकार

सोशल मीडिया पर गृहमंत्री ने लिखा- कोरोना के संकटकाल में लाकडाउन के दौरान पुलिस ने सेवा की मिसाल पेश की

एमपी के गृह मंत्री मिश्रा का बयान: पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश के लिए विधानसभा के अगले सत्र में प्रस्ताव पेश करेगी सरकार

मध्य प्रदेश पुलिस कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है कि उन्हें जल्दी ही वीकली ऑफ (साप्ताहिक अवकाश) मिलने लगेगा। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार विधानसभा के अगले सत्र में विधिवत प्रस्ताव लेकर आएगी। उन्होंने अयह भी लिखा कि पुलिस जवानों को भी अपनी सेहत और परिवार का ध्यान रखने के लिए साप्ताहिक अवकाश मिलना चाहिए। कोरोना के संकटकाल में लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने सेवा की मिसाल पेश की है। जब लोग अज्ञात आशंकाओं के खौफ से अपने घरों में कैद होकर रह गए थे, उस समय पुलिस के जवान गर्मी की परवाह किए बिना खुले आसमान के नीचे चैराहों पर मुस्तैद थे। उनकी सेवाएं वंदनीय रही हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में फील्ड में तैनात करीब 56 हजार पुलिस कर्मियों में से रोजाना 8 हजार का स्टाफ साप्ताहिक अवकाश पर रहेगा। भोपाल में पदस्थ करीब 4500 पर 650 पुलिस कर्मी रोजाना अवकाश पर रहेंगे। यानी अवकाश देना है तो प्रदेश में 8 हजार पुलिस कर्मियों की व्यवस्था करनी होगी। हालांकि प्रदेश में 4 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे पुलिस पर ज्यादा काम करने का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा।

क्षतिपूर्ति पर भी किया जा रहा विचार
पुलिस मुख्यालय द्वारा इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि पुलिस कर्मचारियों के लिए आपात परिस्थितियों में अवकाश उपयोग नहीं करने पर क्षतिपूर्ति की व्यवस्था कैसे की जा सकती है। साप्ताहिक अवकाश देने के लिए फोर्स में 8000 अतिरिक्त पुलिस बल चाहिए। प्रदेश में एक लाख व्यक्तियों पर 139 पुलिसकर्मी हैं। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख व्यक्तियों पर 193 पुलिसकर्मी हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने जनवरी 2018 में कहा था कि पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। कुछ थानों में यह व्यवस्था शुरू भी की गई, लेकिन फोर्स की कमी के कारण बंद करनी पड़ी। विधानसभा 2018 में कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र में पुलिस कर्मियों को सप्ताह में एक दिन अवकाश और भत्ते बढ़ाने की घोषणा की थी। सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 2019 में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पुलिस के आला अफसरों के साथ बैठक में भी साप्ताहिक अवकाश देने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी।