पाकिस्तानी सोशल एक्टिविस्ट मलाला ने अपनी पोस्ट में लिखा- हिजाब पहनकर लड़कियों को कॉलेज जाने से रोकना भयावह

तालिबान ने फरमाया- पर्दे में महिलाएं रहेंगी तो ही शिक्षा व रोजगार मिलेगा, दूसरे देश दखल न दें, इस पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की

पाकिस्तानी सोशल एक्टिविस्ट मलाला ने अपनी पोस्ट में लिखा- हिजाब पहनकर लड़कियों को कॉलेज जाने से रोकना भयावह

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नोबल पुरस्कार विजेता एवं पाकिस्तानी सोशल एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई ने हिजाब मामले पर एक बयान पोस्ट किया है। मलाला यूसुफजई ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि हिजाब पहनकर लड़कियों को कॉलेज जाने से रोकना भयावह है। उन्होंने भारतीय नेताओं से अपील की है कि वो भारतीय मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकें। महिलाओं के कम या ज्यादा कपड़े पहनने पर आपत्ति जताई जा रही है। मलाला का जन्म 1997 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के स्वात जिले में हुआ। मलाला के पिता का नाम जियाउद्दीन यूसुफजई है। तालिबान ने 2007 से मई 2009 तक स्वात घाटी पर कब्जा कर रखा था। इसी बीच तालिबान के भय से लड़कियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था। मलाल तब आठवीं की छात्रा थीं और उनका संघर्ष यहीं से शुरू हुआ। तालिबान ने फरमाया कि पर्दे में महिलाएं रहेंगी तो ही शिक्षा-रोजगार मिलेगा। दूसरे देश दखल न दें। तालिबान के पोस्ट पर भारतीय जनता पार्टी के  विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में दखल देनी वाला यह मुल्ला कौन है? क्या उसे अपने बुर्के के पीछे नहीं छिपना चाहिए?