8 भारतीय रिटा. अधिकारियों को 70 दिन से कैद किए है कतर, जासूसी का आरोप

8 भारतीय रिटा. अधिकारियों को 70 दिन से कैद किए है कतर, जासूसी का आरोप
कतर (Qatar) और भारत के रिश्ते इस समय काफी नाजुक मोड़ पर आ गए हैं। कतर में इस समय भारतीय नौसेना (Indian Navy) के आठ रिटायर्ड अधिकारी हिरासत में हैं। भारत की तरफ से भी लगातार इन्हें रिहाकर देश लाने की कोशिशें जारी हैं।

12 नवंबर 22। कतर में हिरासत में लिये गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। इन अधिकारियों को कतर की इंटेलीजेंस एजेंसी ने हिरासत में लिया हुआ है। भारत सरकार का कहना है कि उसने सर्वोच्च रैंक वाले अधिकारियों को दोहा भेजा है ताकि इन भारतीय नागरिकों की आजादी सुनिश्चित की जा सके। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वह कतर प्रशासन इस मामले पर 'बहुत करीब से' नजर रखे हुए है। ये भारतीय करीब 70 दिनों से हिरासत में हैं।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोहा ने आरोप लगाया है कि ये पूर्व नौसेना अधिकारी इजरायल के लिए उनके देश की जासूसी कर रहे थे। इस आरोप को भारत सरकार ने सिरे से नकार दिया है। हिरासत में लिये गये लोग दाहरा ग्लोबल टेक्नॉलोजी एंड कंसलटेंसी के लिए काम कर रहे थे। यह एक निजी कंपनी है और ओमान एयरफोर्स के एक ऑफिसर इसके मालिक हैं। कंपनी की तरफ से कतर नौसेना को ट्रेनिंग दी जा रही थी। टीम कतर में पिछले पांच साल से है। लेकिन इन आठ भारतीयों को उस समय गिरफ्तार किया गया जब ये अपने घरों में थे। बिना किसी पूर्व नोटिस के इन्हें हिरासत में लिया गया है। पूर्व नौसैनिक अधिकारियों को 30 अगस्त से ही एकान्त कारावास में रखा गया है। यह बात इन्होंने उस समय बताई जब काउंसलर से इनकी मीटिंग कराई गई थी।

तीन अक्टूबर को इन्हें काउंसलर एक्सेस मुहैया कराया गया। इस बात की जानकारी भी मिली है कि इन अधिकारियों को मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित किया गया है। कमांडर पुरेन्दु तिवारी की बहन डॉक्टर मीतू भार्गव ने भारत सरकार से अपील की है कि वह जल्द से जल्द एक्शन ले और इनकी रिहाई सुनिश्चित कराये। वहीं इंडियन नेवी के पूर्व अधिकारियों की मानें तो अब समय आ गया है जब कतर के साथ सैन्य रिश्तों पर दोबारा सोचना पड़ेगा। उन्होंने जैर-अल-बहार नाम से होने वाली ज्वॉइन्ट ड्रिल को भी खत्म करने की मांग कर डाली है। ये एक्सरसाइज भारत और कतर की नौसेना के बीच होती है।