राहत इंदौरी ने डॉक्टरों से खुद कह दिया था- ठीक होना मुश्किल लग रहा है
मशहूर शायर राहत इंदौरी को मंगलवार रात पौने ग्यारह बजे इंदौर के छोटी खजरानी के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मंगलवार शाम 5 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली थी। रविवार रात खांसी, बुखार और घबराहट होने पर वे जांच के लिए सीएचएल अस्पताल गए थे। अस्पताल में किए गए सीटी स्कैन में निमोनिया डिटेक्ट हुआ, तो डॉक्टरों ने भर्ती होने की सलाह दी। उसी रात को उन्हें कोविड हॉस्पिटल अरबिंदो में भर्ती किया गया, जहां उन्हें कोरोना की पुष्टि हुई।
अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी के मुताबिक जब वे यहां आए तब शुगर बढ़ी हुई थी। मंगलवार सुबह तक सेहत में सुधार लग रहा था, लेकिन दोपहर डेढ़ बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। सीपीआर देने पर कुछ सुधार हुआ। दो घंटे बाद दूसरा अटैक आ गया और उन्हें बचाया नहीं जा सका। इससे पहले सुबह उन्हें खाना खिलाया जा रहा था तब वे बोले, “डॉक्टर साहब मुश्किल लग रहा है कि ठीक हो पाऊंगा।”
डॉ. भंडारी ने बताया कि संक्रमण के कारण ब्लड क्लॉट बनने की समस्या भी देखी गई है। आशंका है कि क्लॉट बनने के कारण ही उन्हें हार्ट अटैक आया। सीएचएल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बीते चार-पांच दिन से उन्हें खांसी की समस्या थी। जब वे यहां आए तो घबराहट भी हो रही थी। वे पहले से ही हार्ट, बीपी, शुगर से जूझ रहे थे।
कई फिल्मों के लिए लिखे थे गीत
राहत ने बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी से उर्दू में एमए किया था। भोज यूनिवर्सिटी ने उन्हें उर्दू साहित्य में पीएचडी से नवाजा था। राहत ने मुन्ना भाई एमबीबीएस, मीनाक्षी, खुद्दार, नाराज, मर्डर, मिशन कश्मीर, करीब, बेगम जान, घातक, इश्क, जानम, सर, आशियां और मैं तेरा आशिक जैसी फिल्मों में गीत लिखे।