ब्रिटिश संसद में रोबोट आइडा बोली, जीवित नहीं तो क्या, कलाकार तो हूं

ब्रिटिश संसद में रोबोट आइडा बोली, जीवित नहीं तो क्या, कलाकार तो हूं
हाउस ऑफ लॉर्ड्स कम्यूनिकेशंस एंड डिजिटल कमेटी के सामने आइडा अपने प्रोजेक्ट डायरेक्टर और आर्ट गैलरी के निदेशक एडन मेलर के साथ मौजूद थी। उसने समिति के सदस्यों के कई सवालों के जवाब दिए।

15 अक्टूबर 22। रोबोट आइडा का कहना है कि वह जीवित नहीं हैं तो क्या, कलाकार तो हैं। इस रोबोट-कलाकार ने इस हफ्ते ब्रिटिश संसद में अपनी बात रखी।

आइडा एक रोबोट है जो कलाकारी का हुनर रखती है। आइडा ने ब्रिटिश सांसदों से संसद में ‘बातचीत' की। उसने सांसदों को बताया कि वह भले ही एक ‘कृत्रिम' रचना है, लेकिन कलाकृतियां बनाने में सक्षम है।

आइडा ब्रिटिश संसद में एक संसदीय जांच के समक्ष पेश हुई। एक संसदीय समिति जांच कर रही है कि नई तकनीक रचनात्मकता उद्योगों पर किस तरह का असर डालेगी। इस संबंध में आइडा ने अपना पक्ष पेश किया।

आइडा को दुनिया की पहली ‘अत्याधुनिक कृत्रिम ह्यूमनोएड रोबोट कलाकार' कहा जाता है। वह संसदीय समिति के सामने आई तो उसने छोटे काले बालों वाली विग पहन रखी थी। उसके शरीर पर नीली डंगरी थी और उसने महिला रूप धारण कर रखा था। उसकी बाहें नंगी थीं जिनमें तारों के जाल देखे जा सकते थे। आइडा को ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बनाया है। उसे यह नाम ब्रिटिश गणितज्ञ और कंप्यूटर विशेषज्ञ एडा लवलेस ने दिया है।

आइडा की कलाकृतियों की पहली प्रदर्शनी ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय में मई 2019 में लगाई गई थी। उसमें आठ रेखाचित्र, 20 पेंटिंग, चार मूर्तियां और दो वीडियो आर्ट पेश किए गए थे। दूसरी प्रदर्शनी उसी साल लंदन में आयोजित हुई। उसके बाद 2021 अक्टूबर में मिस्र के गीजा में आइडा ने अपनी मूर्तियों को दिखाया। आइडा ने 2.5 मीटर लंबी मिट्टी की एक मूर्ति बनाई है जो ‘स्फिंक्स की पहेलियों' पर आधारित है।