अकेले रहने की आदत बढ़ा सकती है डायबिटीज, अध्ययन में हुआ खुलासा

अकेले रहने की आदत बढ़ा सकती है डायबिटीज, अध्ययन में हुआ खुलासा
रिसर्च के मुताबिक उन लोगों में इसका खतरा अधिक बढ़ता जो ज्यादा अकेलापन महसूस करते बजाय उनके कि जो खुद को कम अकेला महसूस करें। शोधकर्ताओं ने पाया कि मनुष्य के अकेलेपन पर सामाजिक व्यवहार और लोगों के जुड़ाव का भी असर पड़ता है। कम सामाजिक संबंध और सकारात्मक प्रभावों की कमी अकेले लोगों के व्यवहार को और अधिक संवेदनशील बना सकती है।

1 अक्टूबर 22। डायबिटीज (diabetes)मौजूदा समय में एक सामान्य बीमारी हो गई है। डायबिटीज कई वजहों से हो सकती है। कई बार यह हमारे जीवनशैली और खानपान में गड़बड़ी (eating disorder)की वजह से भी हो जाती है तो कई बार हम इस बीमारी से आनुवांशिकतौर पर भी ग्रसित हो जाते हैं। हालांकि इस बीच डायबिटीज पर हुई एक स्टडी में एक बड़ा खुलासा हुआ है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि कई बार ज्यादा अकेलेपन की भावनाएं भी टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन जाती हैं।

डायबेटोलोजिया (यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज में प्रकाशित शोध के मुताबिक रिसर्च में अकेलेपन और T2D के विकास के जोखिम के बीच संबंध के साथ साथ यह भी परखने की कोशिश की गई क्या इसे बढ़ाने में अवसाद यानि डिप्रेशन और अनिद्रा भी अपनी भूमिका निभाते हैं?

डायबिटीज को बढ़ावा देता है अकेलापन

बदलते जीवन परिवेश ने मानव जीवन में बढ़ते तनाव की वजह से टाइप 2 डाइबिटीज के विकास विकास की ओर इशारा किया है। अकेलापन मनुष्य की एक ऐसी बीमारी है जो कि कभी कभी लंबे समय तक चल सकती है और इसकी वजह से कई अन्य बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। अकेले रहने से शरीर की तनाव प्रक्रिया एक्टिव हो जाती है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह अकेलापन की वजह से टाइप- 2 मधुमेह के विकास में एक अहम भूमिका निभाता है।

रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि अकेलेपन की वजह से खाने के व्यवहार में भी बदलाव आता है। लोगों में ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जाता है और इससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। पहले हुए एक रिसर्च में पाया गया था कि अकेलेपन की वजह से शर्करा युक्त पेय पदार्थों का सेवन बढ़ जाता है जिससे डायबिटीज का खतरा भी बढ़ने का खतरा बना रहता है।

सर्वेक्षण के लिए तैयार हुए 4 पैमाने 

अकेलेपन का हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है इसका अनुमान HUNT2 डेटा सर्वेक्षण से लगाया गया। इसे जानने के लिए कुल चार पैमाने तय किए गए थे। सर्वेक्षण में देखा गया कि क्या किसी ने 2 सप्ताह में अकेलापन महसूस किया और अगर किया तो उसका लेवल कितना था और इसका असर क्या हुआ। 

अनिद्रा की भी की गई जांच 

डिप्रेशन के लक्षणों की गंभीरता का आकलन करने के लिए प्रश्नावली का उपयोग करके किया गया था जिसमें 7 प्रश्न शामिल थे, प्रत्येक ने कुल 0-21 अंकों के लिए 0-3 के पैमाने पर स्कोर किया, जिसमें उच्च अंक अधिक गंभीर लक्षणों का संकेत देते थे। अकेलेपन से अनिद्रा (Insomnia was also investigated)आने वाले व्यवक्तियों की जांच उनके सवालों के जवाबों के आधार पर की गई।

1100 से ज्यादा लोगों में T2D के संकेत (Signs of T2D in over 1100 people)

रिसर्च के 24,024 लोगों में से 1,179 लोगों ने रिसर्च के दौरान टाइप -2 डायबिटीज के विकसित होने के संकेत दिए, हालांकि इस परिक्षण में पुरुषों की संख्या अधिक थी और बिना टाइप-2 डायबिटीज के तुलना में उनकी उम्र भी अधिक थी और उनके विवाहित होने की भी संभावना अधिक थी।