कितनी लंबी है आपकी जिंदगी? टेस्ट में हुए फेल तो हो सकती है जल्दी मौत!

धीमे चलने वालों और हार्ट अटैक से मरने वालों के बीच भी एक संबंध पाया गया है। इसी तरह कमजोर पकड़ और मौत के खतरे के बीच भी एक कनेक्शन पाया गया। जमीन पर बैठने और बिना हाथ या घुटनों का सहारा लिए उठने को भी मृत्यु-दर का अनुमान लगाने का एक टेस्ट माना जाता है।

कितनी लंबी है आपकी जिंदगी? टेस्ट में हुए फेल तो हो सकती है जल्दी मौत!
अगर पहली बार में आपका बैलेंस बिगड़ता है तो घबराएं नहीं। अपने आपको कम से कम तीन मौके दें। बैलेंस की क्षमता को बढ़ाने के लिए हर रोज इसे एक या दो मिनट तक करें।

26 जून 22। आप एक पैर पर कितने देर तक खड़े रह सकते हैं? यह सवाल आपको गैर-जरूरी लग सकता है, लेकिन इसका जवाब यह बता सकता है कि आपकी उम्र कितनी होगी। दूसरे शब्दों में कहें तो एक पैर पर खड़े रहने की क्षमता यह बता सकती है कि आपकी मौत कब होगी। एक नई स्टडी में इसका खुलासा हुआ है।

क्या है बैलेंस टेस्ट?
ब्रिस्टल मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने 51 से 75 साल के 1700 लोगों से एक पैर पर बैलेंस बनाने के लिए कहा। इस टेस्ट में उनसे बिना किसी सहारे के एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को मोड़कर अपने घुटने पर टिकाने के लिए कहा। योगा में इस आसन को 'वृक्षासन' कहा जाता है।

टेस्ट में क्या मिला?
पांच में एक व्यक्ति इस टेस्ट में फेल हो गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि उम्र के साथ इस टेस्ट को पास करने की क्षमता कम हो जाती है। टेस्ट में फेल होने के कई कारण थे, जैसे- बढ़ती उम्र, ज्यादा वजन और डायबिटीज।

उम्र से कैसे संबंधित?
सात साल बाद एक फॉलो-अप स्टडी में पाया गया कि रिसर्च में शामिल 7 फीसदी या 123 लोगों की मौत हो चुकी है। स्टडी में पाया गया कि 10 सेकेंड तक एक पैर पर बैलेंस बनाने में नाकाम रहने वाले लोगों की मौत की दर टेस्ट पास करने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा थी। टेस्ट में फेल लोगों की मौत की दर : 17.5 प्रतिशत, टेस्ट में पास लोगों की मौत की दर 4.6 प्रतिशत।

दूसरे भी कई टेस्ट
इससे पहले के अध्ययनों में पाया गया है कि इस तरह के दूसरे टेस्ट भी स्वास्थ्य सूचक (Health Indicators) की तरह काम कर सकते हैं। एक टेस्ट में बूढ़े लोगों से छह मीटर तक अधिकतम तेजी के साथ चलने के लिए कहा गया। धीमे चलने वालों और हार्ट अटैक से मरने वालों के बीच एक संबंध पाया गया। इसी तरह कमजोर पकड़ और मौत के खतरे के बीच भी एक कनेक्शन पाया गया। जमीन पर बैठने और बिना हाथ या घुटनों का सहारा लिए उठने को भी मृत्यु-दर का अनुमान लगाने का एक टेस्ट माना जाता है।

कैसे लें अपना टेस्ट?
बैलेंस टेस्ट लेने के लिए बिना कोई सहारा के 10 सेकेंड तक एक पैर पर खड़े हों। हवा में उठाए गए पैर को मोड़कर दूसरे पैर से टिकाएं, बाहों को किनारे और नजरों को बिल्कुल सामने रखें। अगर पहली बार में आपका बैलेंस बिगड़ता है तो घबराएं नहीं। अपने आपको कम से कम तीन मौके दें। बैलेंस की क्षमता को बढ़ाने के लिए हर रोज इसे एक या दो मिनट तक करें।