सेक्स टूरिज्म: लाभ से परहेज नहीं, सिर्फ पहचान से परहेज कर रहे यूरोप के देश

बहुत से सैलानी विदेशों में सेक्स का रोमांच ढूंढने जाते हैं। शौक को पूरा करने के लिए ये लोग पैसे देने को तैयार होते हैं। धीरे-धीरे सेक्स टूरिज्म बड़ी समस्या बन रही है, लेकिन कई देश इस समस्या को हल करने से कतरा रहे हैं।

सेक्स टूरिज्म: लाभ से परहेज नहीं,  सिर्फ पहचान से परहेज कर रहे यूरोप के देश
टूरिज्म वॉच से जुड़ी आंत्ये मोंशहाउजन को भी लगता है कि पर्यटन क्षेत्र को अपनी खोई पहचान दुबारा पाने की जरूरत है। वह कहती हैं,

13 अगस्त 22। स्पेन में मायोर्का के प्लाया डे पाल्मा में जैसे-जैसे रात होनी शुरू होती है, सड़क पर अलग तरह की रौनक छा जाती है। माहौल कामुक होना शुरू हो जाता है। देह व्यापार करने वाली महिलाएं गलियों में अपने ग्राहकों को रिझाने में जुट जाती हैं। यहां ज्यादातर महिलाएं नाइजीरिया की होती हैं। ये समुद्र तट से कुछ सौ मीटर की दूरी पर खुलेआम लोगों को अपनी सेवाएं देती हैं। इनके ज्यादातर ग्राहक वे होते हैं जो यहां छुट्टियां मनाने आते हैं। 

विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि सेक्स टूरिज्म(sex tourism) दुनिया के लगभग हर देश में फैला हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड्स से लेकर मायोर्का तक, हर जगह सेक्स टूरिज्म ने लोगों को आकर्षित किया है। सहायता संगठन ‘ब्रेड फॉर द वर्ल्ड' की इकाई टूरिज्म वॉच से जुड़ी आंत्ये मोंशहाउजन कहती हैं, "कुछ लोगों के लिए यात्रा का मकसद ही सेक्सुअल एडवेंचर करना होता है। एम्सटर्डम के रेड लाइट एरिया जैसी जगहों पर पर्यटक इस एडवेंचर के लिए ही आते हैं”

सिर्फ स्पेन में, वेश्यावृत्ति अरबों डॉलर का कारोबार है। देश भर में दसियों हजार महिलाएं इस पेशे से जुड़ी हुई हैं। हालांकि, कानूनी रूप से व्यवस्थित नहीं होने की वजह से इन महिलाओं की वास्तविक संख्या का पता नहीं चल पाता है। एसोसिएशन फॉर द प्रिवेंशन, रीइंटीग्रेशन एंड केयर ऑफ प्रॉस्टिट्यूटेड वीमेन (एपीआरएएमपी) के मुताबिक, पूरे यूरोप में सबसे ज्यादा देह व्यापार स्पेन में होता है। दुनिया में, देह व्यापार के मामले में थाईलैंड और प्यूर्टो रिको के बाद तीसरे स्थान पर स्पेन है। यह एक बड़ी वजह है जिसके कारण काफी संख्या में पर्यटक इन जगहों पर आते हैं। मायोर्का में यह बात साफ तौर पर देखने को मिलती है।

सहायता संगठन मेडिकोज डेल मुंडो के मुताबिक, स्पेन में देह व्यापार करने वाली 95 फीसदी महिलाएं आप्रवासी हैं जिन्हें देश में स्थायी तौर पर रहने की अनुमति नहीं है। इस वजह से वे कोई नियमित काम भी नहीं कर सकती हैं। रोकियो लोपेज कहते हैं, "ऐसा कहना बिल्कुल गलत है कि इन महिलाओं ने अपनी मर्जी से वेश्यावृत्ति का रास्ता चुना। दरअसल, इनके पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था।”

सेक्स टूरिज्म(sex tourism) तब सबसे बड़ी समस्या बन जाती है, जब इसमें नाबालिगों का शोषण शामिल हो जाता है। ऐसा दुनिया के कई देशों में होता है। बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था ईसीपीएटी की जोसफिन हैमन मुताबिक, यह समस्या सिर्फ पीडोफाइल (बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार) अपराधियों से जुड़ी हुई नहीं है। वह कहती हैं, "ऐसे पर्यटकों की संख्या काफी है जो विदेशों में घुमने के दौरान मौका मिलने पर इस तरह का अपराध करने से नहीं चुकते। कोरोना वायरस महामारी के कारण यह समस्या और विकराल होगी। इसकी वजह यह है कि हाल के वर्षों में कई परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हुई है। उनकी आमदनी कम हुई है। इस वजह से बच्चों को लेकर खतरे बढ़ रहे हैं।”

हैमन कहती हैं, "पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के बीच सेक्स टूरिज्म(sex tourism) के मुद्दे को लेकर अब जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन यौन शोषण अभी भी ऐसा मुद्दा है जिस पर काफी लोग बात नहीं करना चाहते हैं। अगर इसमें नाबालिगों का शोषण भी शामिल है, तब भी कई लोग इस समस्या का हल नहीं करना चाहेंगे।”

टूरिज्म वॉच से जुड़ी आंत्ये मोंशहाउजन को भी लगता है कि पर्यटन क्षेत्र को अपनी खोई पहचान दुबारा पाने की जरूरत है। वह कहती हैं, "शायद ही कोई देश, कोई पर्यटन स्थल सीधे तौर पर इस मुद्दे से निपटना चाहता है।” कोई भी देश यह खतरा नहीं उठाना चाहता कि उसकी पहचान सेक्स टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर हो।