16 विधायकों को सस्पेंड करेंगे या खुद निपट जाएंगे महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर?
महाराष्ट्र के दो निर्दलीय विधायकों ने नरहरि को लिखा है कि वो किसी एमएलए को सस्पेंड नहीं कर सकते हैं। इसकी वजह बताते हुए इन विधायकों का कहना है कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ पहले से ही अविश्वास प्रस्ताव लंबित है। विधानसभा उपाध्यक्ष ऐसे निर्णय नहीं ले सकते क्योंकि यह अध्यक्ष का विशेषाधिकार होता है। वहीं, शिवसेना के बागी विधायकों ने एक बैठक कर डिप्टी स्पीकर की ही कुर्सी खा लेने की प्लानिंग की है। इस बीच डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल भी ऐक्टिव हो गए हैं। उन्होंने पूरे मसले पर एडवोकेट जनरल से कानूनी सलाह मांगी है। शुक्रवार को दोनों की मुलाकात हुई।
25 जून 22। महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट उबाल मार रहा है। अब मामला पॉलिटिकल के साथ लीगल भी हो चला है। शिवसेना (Shiv Sena) ने 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल (Narhari Zirwal) को पत्र लिखा है। यह अलग बात है कि उनके अधिकार क्षेत्र पर ही सवाल उठ गया है। इसके अलावा कुछ और तर्क भी सामने आ गए हैं।
महाराष्ट्र के दो निर्दलीय विधायकों ने नरहरि को लिखा है कि वो किसी एमएलए को सस्पेंड नहीं कर सकते हैं। इसकी वजह बताते हुए इन विधायकों का कहना है कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ पहले से ही अविश्वास प्रस्ताव लंबित है। विधानसभा उपाध्यक्ष ऐसे निर्णय नहीं ले सकते क्योंकि यह अध्यक्ष का विशेषाधिकार होता है। वहीं, शिवसेना के बागी विधायकों ने एक बैठक कर डिप्टी स्पीकर की ही कुर्सी खा लेने की प्लानिंग की है। इस बीच डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल भी ऐक्टिव हो गए हैं। उन्होंने पूरे मसले पर एडवोकेट जनरल से कानूनी सलाह मांगी है। शुक्रवार को दोनों की मुलाकात हुई।
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से हैं। वह महाराष्ट्र की डिंडोरी विधानसभा से तीन बार विधायक रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में 2020 से कोई स्पीकर नहीं है। महाराष्ट्र में 2019 में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी थी। तब नाना पटोले को विधानसभा स्पीकर बनाया गया था। इसके बाद पटोले को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल गई थी। ऐसा होने पर 2020 में नाना पटोले ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर का पद छोड़ दिया था। तब से महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर का चयन नहीं हुआ है।
नरहरि जिरवाल के पास पहुंच चुकी है लिस्ट
बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने नरहरि जिरवाल को अपने 37 विधायकों की लिस्ट सौंपी है। गुरुवार को देर से यह लिस्ट सौंपी गई। इसमें दो प्रस्तावों को भी जोड़ा गया है। इसमें कहा गया है कि शिंदे शिवसेना विधायक दल के प्रमुख बने रहेंगे। विधायक भरत गोगावले को नया मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। शिंदे ने शुक्रवार को 40 विधायकों और एक दर्जन निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन का दावा किया।
इसके उलट शिवसेना ने 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखा है। पार्टी और विधायकों के बीच दरारें गहरी हो गई है। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को चीफ व्हिप पद से हटा दिया है। उनकी जगह पर अजय चौधरी को नया चीफ व्हिप बनाया गया है। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थक दो विधायकों ने शुक्रवार को अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल का नया नेता नियुक्त किए जाने को नरहरि जिरवाल की मंजूरी मिलने पर आपत्ति जताई। निर्दलीय विधायकों योगेश बाल्दी और विनोद अग्रवाल ने इस फैसले को लेकर जिरवाल को पद से हटाने की मांग की।
क्या नरहरि वाकई नहीं ले सकते हैं ऐक्शन?
बाल्दी बोले कि विधानसभा उपाध्यक्ष ऐसे निर्णय नहीं ले सकते हैं। कारण है कि यह अध्यक्ष का विशेषाधिकार होता है। जल्द ही इस संबंध में कानूनी कदम उठाएं जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, शिवसेना के बागी विधायकों की बैठक में उन्होंने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने का प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। बागी गुट के 46 विधायकों के हस्ताक्षर से प्रस्ताव तैयार करने के लिए काम जारी है।
वैसे, विधान भवन के पूर्व प्रधान सचिव डॉ. अनंत कलसे ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 180 में साफ तौर से कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली होने पर उपाध्यक्ष निर्णय ले सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि निर्दलीय विधायकों की यह मांग अदालत में टिक सकती है।'
इसे लेकर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल भी ऐक्टिव हैं। उन्होंने पूरे मसले पर एडवोकेट जनरल से कानूनी सलाह मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर उनके निलंबन के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के लिए शनिवार को शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस भेज सकते हैं। 27 जून सोमवार को सुनवाई हो सकती है।