अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए धोखाधड़ी के मामले बढ़ने से लोगों में बेचैनी बढ़ गई है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में एआई के दुष्प्रभाव विकसित होने शुरू हो गए हैं! सांसदों ने राष्ट्रपति से कहा कि आवाज की नकल करके लूट के बारे में कुछ करें।

अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए धोखाधड़ी के मामले बढ़ने से लोगों में बेचैनी बढ़ गई है।

AI Technique: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के खतरे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं और इसका शिकार खुद इसे बनाने वाले देश हो रहे हैं. अमेरिका में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के जरिए स्कैमर्स पहले से बुजुर्ग अमेरिकियों को धोखा देकर उनसे पैसे छीन रहे हैं. दुनियाभर में AI तकनीक के जरिए ठगी करने के कई मामले में सामने आ चुके हैं. ऐसे में अब अमेरिका में इसके खतरों को लेकर बहस तेज हो गई है. कई अमेरिकी सांसद बाइडेन प्रशासन से इस उभरते खतरे को लेकर जरूरी कदम उठाने की अपील कर रहे हैं.

एजिंग पर सीनेट की विशेष समिति के शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर सेन माइक ब्रॉन ने गुरुवार को फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) को एक लेटर भेजा, जिसमें एजेंसी को एआई-ड्राइव घोटालों के बारे में क्या पता है, इस पर अपडेट मांगा गया है. बुजुर्गों के खिलाफ और यह लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कर रहा है.

अमेरिका में आवाज क्लोन करके ठगी
एफटीसी की चेयरपर्सन लीना खान को लिखे पत्र में चेतावनी दी गई है कि वॉयस क्लोन और चैटबॉट्स स्कैमर्स को बुजुर्गों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वह किसी रिश्तेदार या करीबी दोस्त से बात कर रहे हैं. इससे के जरिए साइबर क्रिमिनल धोखाधड़ी और ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. दरअसल एआई तकनीक की मदद से किसी भी व्यक्ति की आवाज का क्लोन तैयार करना संभव है और फिर इसके जरिए आसानी से धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दिया जा सकता है.

 

अमेरिकी सांसदों ने अपने पत्र में कहा, “ठगी से जुड़े एक मामले में एक घोटालेबाज ने वृद्ध दंपत्ति को आवाज क्लोन करके यह विश्वास दिलाया कि वह उनका पोता है जिसे ज़मानत के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी. इस वजह से बुजुर्ग दंपत्ति $9,400 खो दिए. इसी तरह एरिजोना में एक अपराधी ने खुद को अपहरणकर्ता के रूप में पेश किया और माँ से रोती हुई बेटी की आवाज़ की नकल कर फिरौती मांगने के लिए वॉयस-क्लोनिंग तकनीक का इस्तेमाल किया.

 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी जताई चिंता
बता दें कि दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े खतरों पर चिंता बढ़ गई है. इसके बाद अमेरिका समेत अन्य देशों के नेताओं पर जरूरी कदम उठाने के लिए दबाव बढ़ रहा है.अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सिलिकॉन वैली की अहम टेक कंपनियों के प्रमुखों से एआई के खतरों को सीमित करने के लिए कह चुके हैं.

वहीं, गूगल में रहकर एआई तकनीक को विकसीत करने वाले जेफ्री हिंटन, जिन्हें दुनिया एआई के गॉडफादर तौर पर जानती है. उन्होंने इस तकनीक के खतरे बताए. हिंटन ने हाल ही में Google से इस्तीफा दे दिया था.