गुरु हरगोविंद सिंह जी की याद में ग्वालियर में भव्य समारोह

गुरु हरगोविंद सिंह जी के त्याग और दयालुता को याद करते हुए ग्वालियर में दाताबंदी छोड़ दिवस का भव्य आयोजन

गुरु हरगोविंद सिंह जी की याद में ग्वालियर में भव्य समारोह

सिख धर्म के छठवें गुरु साहिब श्री हरगोविंद सिंह जी के ग्वालियर किले में 2 साल से ज्यादा समय तक बंदी रहने और अपने साथ 52 हिंदू राजाओं को आजीवन कारावास की सजा से मुक्त करने की याद में इस बार तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जो 14 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध तीर्थ स्थान को आकर्षक विद्युत साथ सजा से सजाया गया है। यहां संत समागम के साथ ही संगत भी आयोजित की गई है जिसमें शुक्रवार शाम से गुरुद्वारा परिसर में शबद गुरु वाणी तथा कीर्तन की शुरुआत की जाएगी। 14 अक्टूबर सुबह 8 बजे श्री अखंड पाठ साहिब का भोग एवं उसके उपरांत हरमंदिर साहिब अमृतसर से हजूरी रागी भंडारी जाते ढाढ़ी जत्थे और कविश्वरी जत्थों के अलावा बच्चों के कंपटीशन एवं अन्य गुरुवाणी कार्यक्रम आयोजित होंगे ।दोपहर 2 बजे कार्यक्रम की समाप्ति अरदास के बाद होगी। गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ परिसर में सिख संगत द्वारा विभिन्न आयोजनों के लिए भव्यता प्रदान की जा रही है। यहां संगतों के लिए लंगर भी लगाए जा रहे हैं जिसमें चाय पकौड़े मीठे ठंडे पानी की छबील के काउंटर भी लगाए गए हैं। इसमें डबरा भितरवार चीनौर गोहद भिंड से संगत तन मन धन से सेवा करेगी। गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़कर बाबा सेवा सिंह बाबा लखा सिंह ने यहां बताया कि मुगल सम्राट जहांगीर ने सिख धर्म के छठवें गुरु हरगोविंद सिंह जी को 2 साल से ज्यादा ग्वालियर किले कैद रखा था। इस दौरान मुगल बादशाह की अचानक तबीयत खराब हो गई तब उन्हें सपना आया कि उन्होंने जिस गुरु को कैद कर रखा है उन्हें तत्काल छोड़ जाए लेकिन किले में उस समय बंद 52 हिंदू राजाओं की स्थिति बड़ी दयनीय थी। गुरु साहिब के किले से छोड़े जाने की सूचना पाकर 52 हिंदू राजाओं ने भी अपने को मुक्त करने की याचना हरगोविंद सिंह जी से की थी। इसके बाद उन्होंने अपने लिए 52 अंगुल वाले विशाल अंगोछे का निर्माण कराया था उसे पकड़कर यह राजा जहांगीर की कैद से मुक्त हुए थे। तभी से इस गुरुद्वारे का नाम दाता बंदी छोड़ रखा गया है।