पुलिस ने आखिरकार देर से ही सही, छह साल पहले लापता हुए नाबालिग लड़के को उसके माता-पिता के सुपुर्द किया।

पुलिस ने आखिरकार देर से ही सही, छह साल पहले लापता हुए नाबालिग लड़के  को उसके माता-पिता के सुपुर्द किया।

ग्वालियर आखिरकार पुलिस की देर से ही सही लेकिन एक अच्छी कोशिश उस दंपति के जीवन में आशा की एक नई किरण बिखेर दी  जो 6 साल पहले लापता हुए अपने बेटे से दोबारा इस जीवन में मिलने की आस खो चुके थे ।पुलिस ने इस नाबालिग का आधार कार्ड उसके माता-पिता से हासिल किया। बाद में जब इस आधार कार्ड के संबंध में  तकनीकी रूप से जानकारी निकाली गई तो पता चला कि मुंबई में इस आधार कार्ड के जरिए दो सिम जारी हुई हैं। पुलिस इसी क्लू के आधार पर लापता आशु राजपूत तक पहुंच गई और उसे मुंबई से बरामद कर ग्वालियर में उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया। सिर्फ पढ़ाई से जी चुराने पर पिता महेंद्र राजपूत ने अपने बेटे की पिटाई कर दी थी। पिता महेंद्र राजपूत अपने बेटे आशु को पढ़ने के लिए कोचिंग भेजने के लिए दवाब बनाते थे ।जबकि आशु का पढ़ने में मन नहीं लगता था। एक बार पिता ने आशु की कोचिंग नहीं जाने पर पिटाई कर दी। इसके बाद आशु ने अपने माता-पिता से दूर जाने का फैसला कर लिया और वह किसी तरह मुंबई पहुंच गया। जहां उसने कुछ दिन भटकने के बाद अपने कई दोस्त बनाए।इन दोस्तों के जरिए वह बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के काम में लग गया। वह बिल्डर के साथ वर्तमान में काम कर रहा है और अब वह बालिग भी हो चुका है। आशु दो-दो मोबाइल भी ऑपरेट करता है। पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक ने एक बैठक में ऑपरेशन मुस्कान को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए थे और लापता बच्चों के बारे में जल्द से जल्द पता लगाने के बारे में निर्देशित किया था। हजीरा थाने में आशु की गुमशुदगी 20 सितंबर 2018 में दर्ज की गयी  थी। इसमें अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा भी दर्ज हो चुका था। अपने माता-पिता से मिलकर आशु भावुक हो गया। माता-पिता ने पुलिस को अपने बेटे से मिलने को लेकर उसका शुक्रिया अदा किया है।
बाइट-निरंजन शर्मा,एएसपी,ग्वालियर