फायर साबित हुए पुष्कर, उपचुनाव में रिकॉर्ड 54 हजार वोटों से जीते
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत हासिल कर ली है। उन्होंने रिकॉर्ड 54 हजार वोटों से कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को हरा दिया है।
3 जून 22। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत हासिल कर ली है। उन्होंने रिकॉर्ड 54,121 वोट से कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को हरा दिया है। मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ रहीं कांग्रेस प्रत्याशी जमानत भी ना बचा सकीं। इस जीत के साथ ही जहां पुष्कर धामी ने अपनी कुर्सी बचा ली है तो खटीमा में मिली खटास भी दूर हो गई है। लगातार दूसरी बार भाजपा को सत्ता में लाने वाले पुष्पकर ने इस जीत से खुद को 'फायर' साबित किया है।
13 चरण की कुल काउंटिंग में पुष्कर सिंह धामी को कुल 57268 वोट हासिल हुए। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को महज 3147 वोटों से संतोष करना पड़ा। वह अपनी जमानत तक ना बचा सकीं। सपा प्रत्याशी मनोज कुमार को 409 वोट मिले तो। निर्दलीय प्रत्याशी हिमांशु गरकोटी को 399 और नोटा को 372 मत प्राप्त हुए।
सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड
पुष्कर सिंह धामी ने इस जीत के साथ इतिहास रच दिया। धामी को उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों/उपचुनावों में सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल हुई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के नाम था, जिन्होंने 2012 के सितारंगज में हुए उपचुनाव में प्रकाश पंत को 39,954 वोटों से हराया था।
खटीमा में 5800 वोटों से हार गए थे धामी
2017 से 2022 के बीच उत्तराखंड में भाजपा को तीन मुख्यमंत्री बदलने लड़े। लेकिन एक बार जब युवा धामी को कमान मिली तो उन्होंने जिस तरह कुछ महीनों में ट्रेलर दिखाया, जनता ने 5 साल के लिए दोबारा उन्हें मौका दिया। हालांकि, भाजपा के रंग में भंग उस समय पड़ गया जब धामी खुद खटीमा से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन चंद्र कापड़ी से मुकाबले में 5800 वोटों से हार गए। खटीमा से हार के बावजूद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने धामी को राज्य की कमान सौंपी।
योगी ने भी किया था प्रचार
चंपावत सीट से जीते भाजपा के कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री के लिए सीट खाली कर दी। कांग्रेस ने सीएम के खिलाफ निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतारा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार में कैबिनेट मंत्रियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इसके अलावा चार विधायक 15 दिनों से दुर्गम इलाकों में डटे रहे। खुद धामी ने यहां कई बार प्रचार किया तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके लिए रैली की।