चीनी ऐप्स : कुछ हजार रुपये का लोन, फिर धमकी, बदनामी और अंत में मौत

चीनी ऐप्स : कुछ हजार रुपये का लोन, फिर धमकी, बदनामी और अंत में मौत
पुलिस का कहना है कि उनकी अपनी सीमाएं हैं, क्योंकि वे वॉट्सऐप पर कॉल करते हैं। जब पुलिस उनके नंबर ट्रेस करने की कोशिश करती है तो पता चलता है कि वे किसी फेक आईडी से कॉल कर रहे थे। सिर्फ दिल्ली में इस तरह के मामलों में लगभग 200 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

26 अगस्त 22। “मैंने कई अलग-अलग ऐप्स से लोन लिया है… मैं बुरा इंसान नहीं हूं, लेकिन स्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि मेरे पास अपने जीवन को खत्म करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। मैं जिंदगी की जंग हार चुका हूं और जब मेरी बॉडी (लाश) मिले तो मुस्कुराइएगा।” ये शब्द हैं अमित यादव के, जिसने 22 अगस्त को इंदौर में अपनी पत्नी, तीन साल की बेटी और पिछले साल पैदा हुए बच्चे के साथ सुसाइड की है। मतलब पूरा परिवार खत्म हो गया।

इंस्टेंट लोन देने वाली ऐप्स लोन तो तुरंत दे देती हैं, लेकिन उसके बाद लोगों को ऐसे जाल में फंसाया जाता है कि उनके लिए लगभग हर द्वार बंद हो जाता है। बहुत सारे लोग तो मौत को गले लगाना ही बेहतर समझते हैं। इस तरह की इंस्टेंट लोन ऐप्स के कनेक्शन चीन और हांगकांग से जुड़े पाए गए हैं। क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से ये लोग मनी-लॉन्ड्रिंग में भी लिप्त हैं, ऐसी खबरें भी सामने आई हैं।

इन मामलों में कुछ चीनी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों की गिरफ्तारी भी हुई है, लेकिन इस तरह की ऐप्स फिलहाल बाजार में बहुतायत में हैं। ये ऐप्स लोगों को अपने कर्ज जाल में फंसाने के बाद उनके स्मार्टफोन डेटा का इस्तेमाल करते हुए उनसे बड़ी रकम उगाहने की कोशिश में रहती हैं।

अपनी इस सीरीज में ने पहले ही 2 रिपोर्ट छापी हैं। इस तीसरी कड़ी में भी हम इस मुद्दे पर विस्तार से प्रकाश डालेंगे। आपको एहसास होगा कि इन ऐप्स के लिए मानवीय जीवन का कोई महत्व नहीं है और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखते हुए इन ऐप्स ने किस तरह से भारतीयों के डेटा पर डाका डाला है।

पत्नी के अश्लील मैसेज सभी को भेजे

आत्महत्या करने वाले अमित यादव और उसके परिवार से संबंधित खबर आपने जरूर पढ़ी होगी। इस केस ने काफी सनसनी मचा दी है। पुलिस को अमित की लाश एक कमरे में लटकती मिली तो दूसरे कमरे में उसके परिवार के अन्य सदस्य मृत पाए गए। अधिकारियों ने बताया कि अमित को इन ऐप्स के प्रतिनिधियों की तरफ से लगातार धमकी भरे कॉल मिल रहे थे। उन्होंने उसकी (अमित) की पत्नी से जुड़े अश्लील मैसेज उसके फोन में मौजूद सभी कॉन्टेक्ट्स को भेज दिए थे।

लोग बदनामी के डर से चुनते हैं मौत

ये सिर्फ एक अमित यादव की कहानी नहीं है। कुछ महीने पहले, हैदराबाद में रहने वाले 28 वर्षीय राजकुमार ने भी ठीक उसी तरह के अपमान का सामना करने के बाद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यही चीनी लोन ऐप्स के काम करने का तरीका है। इन ऐप्स के कारण देश में हुई आत्महत्याओं की संख्या का कोई संकलित डेटा नहीं है, लेकिन अलग-अलग रिपोर्टों के अनुसार, संख्या 2 दर्जन से कम नहीं है। ज्यादातर मामलों में कर्ज की रकम 2,000-15,000 रुपये ही रहती है।

 आप अब सोच सकते हैं कि मात्र 15,000 रुपये के लिए भला कोई इन्सान कैसे खुद को और अपने परिवार को खत्म कर सकता है। हकीकत तो ये है कि ये रुपये नहीं, बल्कि बदनामी और ब्लैकमेलिंग के चलते लोग मौत को गले लगाते हैं।

राजकुमार के भाई ने बताया, “राजकुमार ने कई ऐप्स से लोन लिया था और कुछ दिनों के भीतर 25-30% का भुगतान भी कर दिया था। लेकिन, इन ऐप्स ने मैसेज भेजना शुरू कर दिया, जिसमें कहा गया कि उसने धोखाधड़ी की है और उसे पैसे की जरूरत है। उन्होंने उसके कॉन्टेक्ट्स को उसके परिवार की महिलाओं से संबंधित आपत्तिजनक संदेश भी भेजे। अंत में, उसने अपनी जान ले ली। हमें तो पता भी नहीं था कि उसने कर्ज लिया था।” उन्होंने कहा कि राजकुमार की मौत के बाद भी उनके दोस्तों के पास लगातार इन ऐप्स से फोन आते रहते थे।

दिल्ली में भी आए केस, मात्र 2,500 रुपये के लिए चुनी मौत

राष्ट्रीय राजधानी में भी इन ऐप्स के कारण आत्महत्याएं के मामले सामने आए हैं। द्वारका निवासी हरीश ने 2,500 रुपये का कर्ज नहीं चुका पाने के कारण यह कदम उठाया। हरीश ने इन चीनी ऐप्स से पैसे उधार लिए थे और वे (ऐप्स से जुड़े लोग) अन्य मामलों की तरह, उसे धमका रहे थे। उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि सिर्फ 2,500 रुपये के लिए, प्रतिनिधियों ने हरीश को इतना परेशान किया कि उसने अपने जीवन को समाप्त कर लेना ही बेहतर समझा।

हरीश की बहन ने बताया, “उसे कॉल और मैसेज आते थे। हमें इस लोन के बारे में तब पता चला जब हरीश के कॉन्टेक्ट्स को मेरे और परिवार की अन्य महिलाओं के बारे में अश्लील मैसेज मिलने शुरू हुए। वे (लोन देने वाले) धमकी देते थे कि वे उसकी कॉन्टेक्ट लिस्ट में शामिल सभी लोगों को कॉल करके बताएंगे कि उसने लोन वापस नहीं किया है।”

कैसे काम करते हैं ये चीनी ऐप्स?

इन ऐप्स के झांसे में आए सैकड़ों लोगों को हर दिन इसी पीड़ा से गुजरना पड़ता है। उन्हें कॉल और मैसेज मिलते रहते हैं। उन्हें भी, जो लोग लोन की रकम लौटा चुके हैं। दरअसल, लोगों द्वारा डाउनलोड किए जाने के बाद ये ऐप्स फोन के कॉन्टेक्ट्स और फोटो गैलरी का एक्सेस मांगते हैं और इन ऐप्स में रजिस्टर होने के लिए लोगों को इसके लिए हामी भरनी ही होती है। इन्हीं कॉन्टेक्ट्स और तस्वीरों का बाद में गलत उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

पुलिस का कहना है कि उनकी अपनी सीमाएं हैं, क्योंकि वे वॉट्सऐप पर कॉल करते हैं। जब पुलिस उनके नंबर ट्रेस करने की कोशिश करती है तो पता चलता है कि वे किसी फेक आईडी से कॉल कर रहे थे। सिर्फ दिल्ली में इस तरह के मामलों में लगभग 200 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

रकम चुकाने के बाद भी रंगदारी का सिलसिला कभी नहीं रुकता। कई मामलों में, ये लोन ऐप प्रोसेसिंग फीस और डिस्बर्सल चार्ज के रूप में लोन की वास्तविक राशि का 70-80% काट लेते हैं।

9,000 हजार के बदले में 16,000 रुपये

मुंबई में काम करने वाली तेजल पांचाल ने उत्सुकतावश ऐसा ही एक ऐप डाउनलोड किया। चूंकि उसे पैसों की सख्त जरूरत थी, इसलिए उसने 9,000 रुपये का कर्ज लिया। सिर्फ 3 दिनों के भीतर, उसे भुगतान के लिए कॉल आने लगे।

22 अगस्त को एक व्यक्ति ने खुद को और अपने परिवार को खत्म कर लिया। उसे बदनामी का डर था। इसी तरह के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं, लेकिन अभी भी इस तरह की इंस्टेंट ऐप्स लोगों को लगातार निशाना बना रही हैं।