जलवायु परिवर्तन : यूरोप में सूखती नदियों और घटते पानी से परेशान लोग

जलवायु परिवर्तन : यूरोप में सूखती नदियों और घटते पानी से परेशान लोग
कई महीनों के सूखे और सर्दियों में कम बारिश के कारण डोरा बाल्टेया और पो में पानी का तल सामान्य के मुकाबले आठ गुना नीचे चला गया है। यह इटली की सबसे लंबी नदियां हैं। ये दोनों नदियां पूरे यूरोप के सबसे प्रमुख खेती के इलाकों की प्यास बुझाती हैं। फिलहाल सूखे के कारण 30 फीसदी उत्पादन पर खतरा मंडरा रहा है।

7 जुलाई 22। इंसानी गतिविधियों के कारण तेज हुआ जलवायु परिवर्तन और पानी के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण दक्षिणी यूरोप के लोग लू और लंबी अवधि के सूखे का सामना कर रहे हैं। कहीं पानी की सप्लाई में कटौती है तो कहीं कोटा तय किया जा रहा है।

हालात यह है कि अब इटली और पुर्तगाल की सरकारें लोगों से पानी का इस्तेमाल कम से कम करने की अपील कर रही हैं। हालांकि कई जगहों पर तो इतने से भी कुछ नहीं होगा। यूरोपीय संघ में पानी के कुल इस्तेमाल का महज 9 फीसदी ही निजी तौर पर होता है जबकि 60 फीसदी पानी का इस्तेमाल अकेले खेती में होता है। यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी ईईए के जल विशेषज्ञ निहत जल का कहना है, "सूखा तो एक बात है लेकिन जल तंत्र से हम कितना पानी लेते हैं यह बड़ा सवाल है।"

इटली : हालात सबसे ज्यादा बुरे शायद इटली में ही हैं। यह इलाका बीते 70 सालों में सबसे बड़े सूखे का सामना कर रहा है। 100 से ज्यादा शहरों में लोगों से पानी का इस्तेमाल जितना संभव है सीमित करने को कहा गया है। सोमवार को इटली की सरकार ने पांच इलाकों में इस साल के अंत तक के लिए आपातकाल की घोषणा की है। सरकार ने जल संकट का सामना करने के तात्कालिक उपायों के लिए 3.6 करोड़ यूरो देने की योजना बनाई है।

पुर्तगाल : पुर्तगाल ने बेहद सूखे मौसम की तैयारी पिछले साल सर्दियों में ही शुरू कर दी थी। 2022 की शुरुआत में बारिश की कमी और बांधों में घटते जलस्तर को देखने के बाद सरकार ने पनबिजली संयंत्रों का इस्तेमाल प्रति हफ्ते सिर्फ दो घंटे पर सीमित कर दिया। इसके जरिये पुर्तगाल के करीब एक करोड़ लोगों को कम से कम अगले दो साल तक पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। सर्दियों में जिस तस्वीर की कल्पना की गई थी वह और ज्यादा प्रभावी रूप से आज सामने आ रही है। मई के आखिर तक देश के 97 फीसदी हिस्से में भारी सूखे का प्रभाव जम चुका था।

स्पेन : स्पेन भी अत्यधिक सूखे का सामना कर रहा है और इसके कुल इलाके के करीब दो तिहाई हिस्से के बंजर होने की आशंका है। कभी उपजाऊ रही मिट्टी तेजी से रेत में बदल रही है। स्पेन के मौसमविज्ञान विभाग के मुताबिक 1961 के बाद स्पेन सबसे अधिक सूखे का सामना कर रहा है। उत्तर में 17 स्थानीय इलाकों को फरवरी में भी पानी के इस्तेमाल में भारी कटौती शुरू करनी पड़ी। इनमें से कैटेलोनिया के दो गांवों में तो लोगों को सिर्फ कुछ घंटे के लिए ही पानी मिल रहा है। आपात स्थिति के लिए म्युनिसिपल्टी गांव में पांच जगहों पर पानी की बाल्टियां भर के रखवा रही है।