सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी, पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर भी बढ़ा टैक्स
केंद्र सरकार की ओर से सोने (Gold) पर कस्टम ड्यूटी को 4.25 फीसदी से बढ़ा दिया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद सोने पर कस्टम ड्यूटी 10.75 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई है। इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा दिया गया है। कस्टम ड्यूटी में इजाफा करने के पीछे सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि ये कदम चालू खाते में घाटे को कम करने के लिए उठाया गया है।
1 जुलाई 22। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब सोने पर कस्टम ड्यूटी 10.75 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई है। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से सोने (Gold) पर कस्टम ड्यूटी को 4.25 फीसदी से बढ़ा दिया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद सोने पर कस्टम ड्यूटी 10.75 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई है। इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा दिया गया है। कस्टम ड्यूटी में इजाफा करने के पीछे सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि ये कदम चालू खाते में घाटे को कम करने के लिए उठाया गया है।
सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर 6 रुपए और 13 रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाई गई है वहीं, विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन एयर टरबाइन फ्यूल (ATF) के निर्यात पर भी 6 रुपए प्रति लीटर स्पेशल अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ सरकार ने कहा है कि बढ़ाई गई कस्टम ड्यूटी का देश में तेल की कीमतों पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।
नोटिफिकेशन के मुताबिक सरकार में कच्चे तेल पर सेस लगाने का फैसला किया है, जो कि 23,250 रुपए प्रति टन होगा। हालांकि आयातित कच्चे तेल को इससे दूर रखा गया है।
इस फैसले का आम जनता पर क्या पड़ेगा असर?: सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ने का सीधा प्रभाव ग्राहक की जेब पर पड़ेगा। इसके बाद बाजार में आभूषणों के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेंगी। वहीं, पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी का प्रभाव केवल भारत की निर्यातक (Petrol-Diesel) कंपनियों पर पड़ेगा।
मौजूदा समय में सरकार के लिए राजकोषीय घाटा एक चिंता का विषय बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत अधिक होने के कारण सरकार को कच्चे तेल आयात करने के लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मई के आखिरी तक 2,03,921 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
आंकड़ों के मुताबिक सरकार को मई के आखिरी में कुल प्राप्तियां 3.81 लाख करोड़ रुपए रही, जो 2022-23 के बजट अनुमान का करीब 16.7 फीसदी है। वहीं, सरकार ने मई के आखिर तक 5.85 लाख करोड़ों रुपए खर्च किए हैं क्योंकि बजट अनुमान का 14.8 फीसदी है।