उत्तराखंड के जोशीमठ में होटलों को गिराने का काम शुरू, यहां बारिश और बर्फबारी भी शुरू

होटल मलारी इन पीछे की ओर पूरी तरह झुक गया है। एक अन्य होटल माउंट व्यू को भी जल्द हटाया जाएगा । अमित शाह ने ली हाइलेवल मीटिंग

उत्तराखंड के जोशीमठ में होटलों को गिराने का काम शुरू, यहां बारिश और बर्फबारी भी शुरू

जोशीमठ। होटल मलारी इन को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यहां पुलिस, SDRF और NDRF की टीम मौजूद हैं।उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के घटना के बीच अब प्रभावित क्षेत्र के होटलों को गिराने का काम शुरू हो गया है। इस बीच यहां बारिश और बर्फबारी भी शुरू हो गई है। इससे ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। हालांकि होटल गिराने का काम जारी है।

गुरुवार शाम को SDRF ने होटल मलारी इन को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने आसपास के रास्तों काे बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों को भी हटाया गया है। यह होटल पीछे की ओर पूरी तरह झुक गया है। एक अन्य होटल माउंट व्यू को भी जल्द हटाया जाएगा।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर जोशीमठ को लेकर हाइलेवल मीटिंग हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद रहे। मीटिंग में जोशीमठ में लैंडस्लाइड के बाद सड़क, पावर सप्लाइ, पीने के पानी की कमी और इनवायरमेंट की स्थिति को लेकर बातचीत की गई। 40 मिनट चली मीटिंग में होम सेक्रेटरी अजय भल्ला भी मौजूद थे।

आर्मी बेस की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें

जोशीमठ में जमीन खिसकने का असर सेना पर भी हुआ है। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को बताया कि- आर्मी बेस की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें आई हैं। सैनिकों को अस्थायी रूप से औली शिफ्ट कर दिया गया है। जरूरत पड़ी तो उनकी तैनाती स्थायी कर दी जाएगी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र से वैज्ञानिकों की टीम को भी जोशीमठ भेजा गया है।

CM धामी बोले- जोशीमठ खत्म होने का माहैाल न बनाएं
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जोशीमठ पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों और एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की। धामी ने कहा- जोशीमठ के सिर्फ 25% घरों में दरारें हैं, ऐसे घरों को खाली करवा लिया गया है। ऐसा माहौल न बनाएं कि जोशीमठ खत्म हो रहा है।

CM ने कहा- डर के माहौल से पर्यटक नहीं आएंगे
CM धामी ने कहा कि - जोशीमठ की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। 4 महीने बाद चार धाम की यात्रा भी है। डर का माहौल बनाने से पर्यटक नहीं आएंगे। प्रभावितों के खाते में शाम तक फौरी तौर पर 1.5 लाख रुपए की मदद पहुंच जाएगी। बाद में प्रभावितों को और मदद दी जाएगी। हमने सरकार और जनप्रतिनिधियों की कमेटी बना दी है, जो मुआवजे के बारे में बात कर रही है।

अब तक 589 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया
उत्तराखंड डिजास्टर मैनेजमेंट सेक्रेटरी रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में आपदा राहत कार्यों के लिए SDRF की 8 टीमें तैनात हैं। NDRF की दो टीमें भी लगाई गई हैं। अब तक 3 परिवारों को 4000 रुपए मकान किराया दिया गया है। अब तक 169 परिवारों के 589 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5-5 हजार रुपए दिए गए हैं। SDRF के प्रावधानों के अनुसार अब तक 10 परिवारों को 1.30 लाख रुपए प्रति परिवार दिए गए हैं।

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए काम कर रही है।
  • उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली HC को बताया है कि लोगों के विस्थापन के लिए 2 कमेटियां बनाई गई हैं।
  • उत्तराखंड सरकार ने प्रभावितों को देने के लिए 45 करोड़ रुपए का फंड रिलीज किया है।
  • स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि ने राहत सामग्री से भरे दो ट्रक जोशीमठ भेजे हैं।
  • उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा में भी मकानों में भी दरारें आ गई हैं।
  • राहत राशि प्रभावितों को देने के लिए 11 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है।
  • उत्तराखंड के गंगोत्री, औली समेत जोशीमठ के सुनील वार्ड में गुरुवार को बर्फबारी हुई।

पिछले 24 घंटे में 50 अन्य घरों में दरारें आईं
पिछले 24 घंटों में जोशीमठ में 50 से ज्यादा अन्य घरों में दरारें देखी गईं। पहले यह आंकड़ा 723 था। उधर, लोगों का कहना है कि मुआवजा तय हुए बिना वे अपनी संपत्ति कैसे छोड़ दें। कुछ लोगों को होटलों में शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां भी दरारें थीं। इससे लोग नाराज हो गए। इनका कहना था कि जब मरना ही है तो हम अपने घरों में ही मरना पसंद करेंगे।

इस बीच जोशीमठ में घर के सर्वों को लेकर असमंजस बना हुआ है। लोगों का आरोप है कि सब कुछ वैसा नहीं है, जैसा दिख रहा है। एक कमरे में तीन-तीन परिवार रह रहे हैं। छोटे बच्चों वाले परिवारों के लिए सर्द रातें किसी बुरे सपने के समान साबित हो रही हैं। सुबह होने पर इनमें से ज्यादतर परिवार अपने घरों के बरामदों में आकर बैठ जाते हैं।