जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम बोलीं- धारा 370 की वापसी होने तक तिरंगा नहीं उठाएंगी और न ही चुनाव लड़ेंगी 

बिहार में पीएम मोदी के बयान के कुछ घंटों बाद महबूबा ने यह बात कही

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम बोलीं- धारा 370 की वापसी होने तक तिरंगा नहीं उठाएंगी और न ही चुनाव लड़ेंगी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में पहली चुनावी जनसभा में कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने की बात छेड़ी। उन्होंने कहा कि ये लोग (विपक्ष) कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर से लागू कर देंगे। इसके कुछ ही घंटे बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सामने आईं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी होने तक वे तिरंगा नहीं उठाएंगी और न ही चुनाव लड़ेंगी। जम्मू-कश्मीर के ध्वज की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि तिरंगे से हमारा रिश्ता इस झंडे से अलग नहीं है। यह झंडा हमारे हाथ में आ जाएगा, तभी हम तिरंगे को भी अपने हाथ में उठाएंगे। 14 महीने की नजरबंदी से रिहा होने के बाद अपने घर में की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी देश के संविधान को अपनी पार्टी के घोषणा-पत्र के हिसाब से बदलने की कोशिश कर रही थी।

गिलानी के कदम से भारी नुकसान हुआः महबूबा
महबूबा ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो नेताओं के बीच वह अपना खून देने वाली पहली व्यक्ति होंगी। हम (नेता) एकजुट हैं और लोगों को भी एकजुट होकर लड़ना चाहिए। यह डॉ. फारूख अब्दुल्ला, सज्जाद लोन या किसी और नेता की नहीं, सभी की लड़ाई है। धारा-370 को निरस्त कर दिया गया था, इसलिए सरकार ने सभी जनविरोधी फैसले लेकर लोगों की भावनाओं को आहत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वे जम्मू और कश्मीर के लोगों को नहीं चाहते हैं। चुनाव लड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि महबूबा का चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अपनी बात में यह जोड़ा कि पार्टी के नेता और सहयोगी दलों के साथी एक साथ बैठेंगे और उसी के अनुसार कोई निर्णय लेंगे। हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के केंद्र के प्रतिनिधिमंडल के साथ बात करने से इनकार करने के बारे में पूछे जाने पर महबूबा ने कहा कि इससे भारी नुकसान हुआ। वह भाजपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल नहीं था। यदि गिलानी बात करने के लिए तैयार नहीं थे, तो उन्हें कम से कम उन्हें घर में आने की इजाजत देनी चाहिए थी। उनके इस कदम से कश्मीर की एक अलग तस्वीर सामने आई थी।