हुंडी ठगी कांडः सीआईडी जाँच से संतुष्ट नहीं व्यापारी, बोले- हमने कब मांग की
व्यापारी बोले - अब केवल मुख्यमंत्री से बात होगी, 11 को ग्वालियर बंद का ऐलान 4 करोड़ के लिए लगभग 200 करोड़ का कारोबार भी प्रभावित करने को तैयार व्यापारी
ग्वालियर। हुंडी ठगी कांड के शिकार व्यापारियों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर व्यापारी संगठन लामबंद हो चुके हैं। वे लगातार धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले की जाँच अब पुलिस से लेकर सीआइडी को सौंपी गई है, लेकिन व्यापारी संगठन इससे संतुष्ट नहीं हैं। रविवार को सराफा बाजार में सोना-चांदी व्यवसाय संघ के सहयोग से धरना आयोजित किया गया। धरने को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक एवं चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि शासन-प्रशासन का संदेश आ रहा है कि टेबल पर बैठकर बात कर लें, लेकिन हमने कह दिया है कि अब सीधी बात मुख्यमंत्री से ही होगी। वहीं उपाध्यक्ष पारस जैन ने कहा कि यह साफ हो गया है कि चोर-चोर मौसेरे भाई होते हैं। शासन-प्रशासन ने ठगी के आरोपियों को संरक्षण देकर व्यापारियों के साथ कुठाराघात किया है। अब व्यापारी 9 मार्च को धरना देंगे। वहीं चैम्बर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले आंदोलनरत व्यापारियों ने 11 मार्च को ग्वालियर बंद का ऐलान किया है। व्यापारियों का संघर्ष उचित है लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या चार-पांच करोड़ की ठगी की एफआईआर के मामले में शहर बंद कर लगभग 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित करना और आमजन की परेशानी उचित है। इस सवाल के जवाब में व्यापारी नेता कहते हैं कि कारोबार बंद रहने से नुकसान तो होगा, लेकिन आरोपियों पर कार्रवाई के लिए यह जरूरी है। जानकारी के अनुसार हुंडी ठगी कांड में दलाल आशु गुप्ता और उसके पिता को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। व्यापारियों की मांग है कि आशु, उनके परिजन और संरक्षण देने वालों की संपत्ति राजसात कर वसूली की राशि पीड़ित व्यापारियों को दी जाए। वहीं इस मामले में मोनू गुप्ता, डबरा अभी तक पुलिस के हाथ नहीं आया है। व्यापारियों का कहना है कि इस मामले में पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। अब यह जांच बिना मांग किए हुए ही सीआईडी को सौंप दी गई। व्यापारियों की मांगों और 11 मार्च को ग्वालियर बंद को लेकर द लीड स्टोरी ने व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत की।
सीआईडी जांच की मांग तो हमने की ही नहीं थीः डॉ. प्रवीण अग्रवाल
चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि जब तक इस मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर व्यापारियों का पैसा वापस नही मिल जाता है, चेंबर ऑफ कॉमर्स व्यापारियों के साथ है और हम आंदोलन करते रहेंगे। जब उनसे पूछा गया कि सीआईडी को जांच सौंपी गई हैं, क्या आप लोग उससे संतुष्ट नहीं हैं, इस पर उन्होंने कहा कि सीआईडी जांच की मांग तो हमने की ही नहीं थी। सीआईडी जांच तो इस मामले को लंबा खीचने के लिए दी गई है। 11 मार्च को ग्वालियर बंद किया जा रहा है ऐसे में 4-5 करोड़ के लिए 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित नहीं होगा, इस सवाल पर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बात 5 करोड़ की नहीं व्यापारियों के साथ हुए अन्याय की है। जब राजनैतिक संगठन बंद करते हैं तो व्यापारी विरोध करते हैं, अब जब आप कर रहे हैं तो व्यापारी क्या साथ देंगे, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, राजनैतिक संगठन भी जब अच्छे मुद्दों को लेकर बंद का आह्वान करते हैं तो व्यापारी स्वेच्छा से बाजार बंद करते हैं।
यह तो व्यापारियों की ही लड़ाई है। क्या कारण है कि इतने कड़े विरोध के बाद भी पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नही कर रही है क्या इसके पीछे कोई राजनैतिक संरक्षण है, यह पूछने पर चेंबर के मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि लगता तो यही है।
मजबूरी में कर रहे ग्वालियर बंद: गोकुल बंसल
ऐसा ही कुछ फोन पर हुई बातचीत में दाल बाजार व्यापारी समिति के अध्यक्ष गोकुल बंसल ने भी कहा। उन्होंने कहा कि हम ग्वालियर बंद करना ही नहीं चाहते थे लेकिन पुलिस हमारी सुन ही नहीं रही। हम तो मजबूर होकर बंद करने जा रहे हैं।
कैट के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने कहा- हम तो सिर्फ साथ दे रहे
इस मामले में कैट के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन से जब ग्वालियर बंद क्यों किया जा रहा हैं। क्या व्यापारी और आप सीआईडी जांच से संतुष्ट नहीं है सवाल किया तो श्री जैन का कहना था कि हम तो व्यापारियों का साथ भर दे रहे हैं। इस मामले चेंबर ही लीड कर रहा है। गौरतलब है कि इससे भूपेन्द्र जैन ने कहा था कि इस मामले में कैट सीबीआई जांच की मांग करेगी।