यूरोप मेें दोबारा लॉकडाउन: गुस्साए लोगों ने कई शहरों में किया हिंसक प्रदर्शन

नागरिकों को सरकार का निर्णय नहीं आ रहा है रास

यूरोप मेें दोबारा लॉकडाउन: गुस्साए लोगों ने कई शहरों में किया हिंसक प्रदर्शन

कोरोना वायरस के दोबारा बढ़ते संक्रमण की वजह से कई यूरोपीय देशों ने एक बार फिर लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है. जैसे-जैसे संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, अस्पतालों और आईसीयू ( गहन देखभाल इकाई) में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और स्पेन सहित देशों ने एक बार फिर से आयोजनों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. यूरोप में लोग लॉकडाउन में प्रतिबंधों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला और षडयंत्रकारी सिद्धांत के रूप में देख रहे हैं और कह रहे हैं कि वायरस का बहाना एक धोखा है. वहीं व्यवसायी और श्रमिक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
 

लॉकडाउन की वजह से सुस्त आर्थिक परिणामों से लोग डर हुए हैं
महामारी के प्रति सरकारों की प्रतिक्रिया और फैसले लोगों में असंतोष को बढ़ावा दे रहे हैं. जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में भी लॉकडाउन की वजह से सुस्त आर्थिक परिणामों से लोग डर हुए हैं. यूरोपीय संघ के देशों में इटली के लिए ये साल सबसे मुश्किल भरा रहा है. वहां लॉकडाउन के फैसले के खिलाफ एक हफ्ते से अधिक समय तक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए क्योंकि सरकार ने सिनेमाघरों, थिएटरों और रेस्टोरेंट को बंद करने के फैसले के खिलाफ लोग खफा नजर आ रहे थे. फ्लोरेंस, रोम, नेपल्स, ट्यूरिन और बोलोग्ना सहित अन्य शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, दंगाइयों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प से कई सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है. सरकार अभी और कड़े फैसले ले सकती है. इसके तहत रात में तय समय के बाद राष्ट्रीय अंतर-क्षेत्रीय यात्रा पर प्रतिबंध और सप्ताहांत में मॉल खरीदारी पर प्रतिबंध शामिल हो सकता है. इन फैसलों के जरिए सरकार संक्रमण में खतरनाक वृद्धि को धीमा करने की कोशिश कर रही है.