SG : भारत में हिजाब की मांग, ईरान में बहिष्कार, अलग-अलग स्टैंड क्यों?

SG : भारत में हिजाब की मांग, ईरान में बहिष्कार, अलग-अलग स्टैंड क्यों?
हिजाब बैन पर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इसी दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि PFI संगठन लड़कियों को मोहरा बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द्र को भंग करने की साजिश कर रहा है।

20 सितंबर 22। भारत में हिजाब को लेकर मुस्लिम समाज में काफी चिंता देखी जा रही है। इसको लेकर समाज का एक तबका महिलाओं को आगे करके राजनीति कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला सुना जा रहा है। आज मंगलवार को आठवें दिन सुनवाई (Eighth day hearing in Supreme Court)हुई। सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुसार मेहता ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ कट्टर पंथी हिजाब को मुद्दा बनाए हुए हैं। इसको लेकर तमाम दलीलें दी जा रहीं हैं। वहीं दूसरी ओर ईरान में महिलाएं हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं हैं। वे सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब को जला रहीं हैं। जबकि ईरान एक मुस्लिम देश है। इससे यह साबित होता है कि हिजाब इस्लाम में आवश्यक नहीं है।

इससे पहले हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जिन छात्राओं ने हिजाब बैन के खिलाफ याचिका दायर की है वे कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के प्रभाव में ऐसा कर रही हैं।

SG ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- PFI संगठन लड़कियों को मोहरा बना रहा

हिजाब बैन पर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इसी दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि PFI संगठन लड़कियों को मोहरा बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द्र को भंग करने की साजिश कर रहा है।

मेहता बोले- 2021 तक किसी लड़की को हिजाब बैन से परेशानी नहीं हुई

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच को बताया कि 29 मार्च 2013 को उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज ने प्रस्ताव पास करके यूनिफॉर्म तय की। तब हिजाब को यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं बनाया गया और उस समय किसी भी लड़की को इस यूनिफॉर्म से परेशानी नहीं हुई। याचिकाकर्ताओं ने भी जब 2021 में इस कॉलेज में एडमिशन लिया तो उन्होंने भी यूनिफॉर्म के नियमों का पालन किया।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गईं याचिकाएं

(Petitions filed in Supreme Court against the decision of Karnataka High Court)15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं की तरफ से क्लास में हिजाब पहनने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की जरूरी प्रैक्टिस का हिस्सा नहीं है। इसे संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षण देने की जरूरत नहीं है। कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती देते हुए कुछ लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई हो रही है।