शुगर होने पर स्किन पर भी दिखने लगते हैं लक्षण, इनको न करें नजरअंदाज

शुगर होने पर स्किन पर भी दिखने लगते हैं लक्षण, इनको न करें नजरअंदाज
एक डायबिटीज पेशेंट को अपनी पूरी लाइफ नियम और शर्तों के साथ चलना होता है। उसे ऐसी चीजों से दूरी बनानी होती हैं जो शरीर में शुगर के लेवल को बढ़ाती हैं। इसलिए जरूरी है कि शुरुआती चरण में ही इसकी पहचान की जा सके और उपचार शुरू हो सके।

16 नवंबर 22। बदलती जीवनशैली और अनहेल्दी खानपान की वजह से आज डायबिटीज जैसी बीमारी काफी आम हो चली है। कुछ वर्षों पहले यह बीमारी बुजुर्गों की बीमारी के तौर पर जानी जाती थी लेकिन अब यह कम उम्र के लोगों में भी दिखने लगी है। सिर्फ बुजुर्ग और युवा ही नहीं अब तो इससे बच्चे भी पीड़ित होने लगे हैं। अगर समय रहते डायबिटीज पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह कई अन्य गंभीर बीमारियों को भी जन्म दे सकती है।

एक डायबिटीज पेशेंट को अपनी पूरी लाइफ नियम और शर्तों के साथ चलना होता है। उसे ऐसी चीजों से दूरी बनानी होती हैं जो शरीर में शुगर के लेवल को बढ़ाती हैं। इसलिए जरूरी है कि शुरुआती चरण में ही इसकी पहचान की जा सके और उपचार शुरू हो सके। आपको बता दें कि डायबिटीज होने पर आपके शरीर की त्वचा ही इसका संकेत देने लगती है कि आपका शुगर लेवल बढ़ा हुआ है।

 - कई बार ब्लड में शुगर लेवल हाई होने पर त्वचा लाल होने लगती है। इसके साथ ही आपको अपनी स्किन में गर्माहट का एहसास भी हो सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि यह डायबिटीज की वजह से हो, यह बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण भी हो सकता है।

-सोरायसिस की दिक्कत किसी को भी हो सकती है लेकिन यह टाइप 2 वाले रोगियों को होने की संभावना कई गुना अधिक होती है। इसमें त्वचा पर संक्रमण की वजह से जगह जगह पर पपड़ी पड़ने लगती है जिसमें मरीज को तेज खुजली होती है।

-डायबिटिककोरम: इसके सामान्य लक्षणों में शरीर के ऊपरी हिस्से में मोटापन आना है। जैसे पीठ के ऊपरी हिस्से में मोटापन और कड़क महसूस करना। कंधे के हिस्से या फिर गर्दन में मोटापन महसूस करना।

- छाले पड़ना: डायबिटीज की समस्या में चकत्ते और छाले पड़ना काफी आम है, लेकिन लोग इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा फंगल इंफेक्शन के कारण हो सकता है। कैंडिडा एल्बीकैंस के कारण होने वाला यीस्ट जैसा फंगल संक्रमण मधुमेह के लोगों को प्रभावित करने वाला सबसे आम फंगल संक्रमण है।

- खुजली होना: मधुमेह रोगियों में खुजली की समस्या अक्सर होती है। ज्यादातर रोगियों में यह सूखी त्वचा और खराब ब्लड सर्कुलेशन और संक्रमण के कारण होता है।

- लिपोइडिका डायबिटिककोरम: इसमें त्वजा पहले सुस्त दिखती है और फिर धीरे धीरे स्किन लाल होने लगती है। कुछ दिनों में स्किन में जगह जगह पर उभार आने लगता है। रेड स्किन पर तेज खुजली और दर्द महसूस हो सकता है।

- फफोले: यह काफी दुर्लभ है। यह समस्या उन लोगों में देखने को मिलती है जो पहले से डायबिटिक न्यूरोपैथी से प्रभावित हैं। इसमें उंगलियों, हाथों, पैरों और टांगों पर छाले हो जाते हैं। हालांकि यह कुछ दिन में अपने आप ठीक हो जाते हैं।