सड़क जाम की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सभी पक्षों को शामिल कर कमेटी बनाए सरकार

किसान आंदोलन राष्ट्रीय मुद्दा बनने वाला है, सरकार के स्तर पर सुलझने वाला नहीं, पिटीशनर्स ने कहा- कोरोना फैलने का भी खतरा है

सड़क जाम की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सभी पक्षों को शामिल कर कमेटी बनाए सरकार

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जियों पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सरकार, किसान संगठनों और दूसरे पक्षों को शामिल करते हुए एक कमेटी बनानी चाहिए, क्योंकि जल्द यह राष्ट्रीय मुद्दा बनने वाला है। ऐसा लगता है कि सिर्फ सरकार के स्तर पर यह सुलझने वाला नहीं। चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सरकार की बातचीत का अब तक कोई साफ नतीजा नहीं निकला है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से जवाब मांगे हैं। कोर्ट ने किसानों को भी पार्टी बनाने की इजाजत दी है। गुरुवार को फिर सुनवाई होगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान एक पिटीशनर के वकील ने शाहीन बाग के मामले की दलील दी, तो चीफ जस्टिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था से जुड़े मामले में कोई उदाहरण नहीं दिया जा सकता। किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कई अर्जियां लगी हैं। पिटीशनर्स का कहना है कि किसान आंदोलन के चलते सड़कें जाम होने से जनता परेशान हो रही है।

यूपी के मुजफ्फरनगर की खापों ने आंदोलन को समर्थन दिया, चिल्ला बाॅर्डर बंद किया
देश में कृषि बिल पर 21 दिन से रार मचा हुआ है। किसान सड़कों पर जगह-जगह जाम लगाए बैठे हैंे, जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है। वहीं किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी। यह अर्जी एक लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा ने लगाई थी। उनका कहना है कि किसान आंदोलन के चलते सड़कें जाम होने से जनता परेशान हो रही है। प्रदर्शन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होने से कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कई खापों ने आंदोलन को समर्थन दिया है। ये खापें 17 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन में शामिल होंगी। अखिल खाप परिषद के सचिव सुभाष बालियान ने यह जानकारी दी। किसान संगठनों ने कहा है कि वे आज दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह से ब्लॉक करेंगे। किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली-नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक किया। किसानों ने 13 दिसंबर की देर रात चिल्ला बॉर्डर को रक्षा मंत्री राजनाथ से बातचीत के बाद खोलने का फैसला किया था। प्रदर्शन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होने की वजह से कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। किसान संगठनों ने बुधवार को दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया।

पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया- सरकार किसानों की हर शंका के समाधान को तैयार है 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात दौरे के संबोधन में कहा कि विपक्ष किसानों को गुमराह करने की साजिश कर रहा है। उन्हें डराया जा रहा है कि किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। यदि कोई डेयरी वाला दूध लेने का कॉन्ट्रैक्ट करता है तो क्या वह पशु को भी ले जाता है? उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार हर शंका के समाधान को तैयार है। मोदी ने गुजरात में सिख संगठनों से भी मुलाकात की।