फर्जी SDM नौकरों को पुलिस की वर्दी पहनाकर कर रही थी वसूली, गिरफ्तार

फर्जी SDM नौकरों को पुलिस की वर्दी पहनाकर कर रही थी वसूली, गिरफ्तार
नीलम बिना नंबर की इनोवा कार से चलती है। जिसके सामने एसडीएम की नेम प्लेट और पीछे एसडीएम लिखा रहता था। गाड़ी के आगे-पीछे मप्र शासन लिखा रखा है। मिसरोद पुलिस ने उसकी कार को जब्त किया था, तब भी उसकी कार में एसडीएम की नेम प्लेट लगी थी। वह अपने नौकरों को पुलिस की वर्दी पहनाकर अपने साथ लेकर चलती है। जिससे कि लोगों को यह भरोसा हो सके कि वह असली एसडीएम है।

9 सितंबर 22।  इंदौर क्राइम ब्रांच(Indore crime branch) ने गुरुवार को (Neelam Parashar)नीलम पाराशर (40) को गिरफ्तार किया है। वह खुद को देपालपुर इलाके की एसडीएम बता गौतमपुरा के एक व्यापारी से रंगदारी मांग रही थी। उसने महिला बाल विकास और पीडब्ल्यूडी जैसे विभागों में भी नियुक्ति के नाम पर लोगों से रुपए ऐंठे हैं। उसके पास एक लेटर भी मिला है। जिसमें राज्यपाल मंगुभाई के फर्जी साइन हैं। लेटर में खुद के ट्रांसफर की बात कही गई थी।

ज्ञातव्य है कि पहले भी 21 जून 2022 को भोपाल की मिसरोद पुलिस ने उसे तब पकड़ा था, जब वो शादी समारोह में शामिल होने आए राज्यपाल मंगू भाई पटेल के आसपास घूमकर अपना रुतबा जमा रही थी। पुलिस ने नीलम का रसूख देखकर उसे तो छोड़ दिया, लेकिन वहां मौजूद नकली पुलिसकर्मी को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया। बाद में जांच के दौरान नीलम को आरोपी बनाया गया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई।

मिसरोद थाना प्रभारी राम बिहारी शर्मा अब दलील दे रहे हैं कि गिरफ्तारी की धाराएं नहीं लगी थीं, इसलिए महिला को नोटिस दिया था। कोर्ट से महिला अपनी कार भी ले चुकी है, जिसे पुलिस ने बरामद किया था। कार पर एसडीएम लिखा हुआ था। मिसरोद पुलिस की इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि महिला बेखौफ होकर खुद को एसडीएम बताकर लोगों को ठगती रही।  ऐसे कार्यक्रमों में बिना बुलावे पहुंच जाती है, जहां वीआईपी लोगों के पहुंचने की जानकारी होती है।

बिना नंबर की लग्जरी कार पर लिखाया एसडीएम

नीलम बिना नंबर की इनोवा कार से चलती है। जिसके सामने एसडीएम की नेम प्लेट और पीछे (SDM written on luxury car without number)एसडीएम लिखा रहता था। गाड़ी के आगे-पीछे मप्र शासन लिखा रखा है। मिसरोद पुलिस ने उसकी कार को जब्त किया था, तब भी उसकी कार में एसडीएम की नेम प्लेट लगी थी। वह अपने नौकरों को पुलिस की वर्दी पहनाकर अपने साथ लेकर चलती है। जिससे कि लोगों को यह भरोसा हो सके कि वह असली एसडीएम है।

बोलने और काम करने का लहजा अफसरों जैसा

बताया गया कि फर्जी महिला एसडीएम एमपीपीएससी के जरिए राज्य प्रशासनिक अधिकारी पद के लिए तैयारी कर रही थी। लेकिन वह सिलेक्ट नहीं हो पाई। उसने कई अधिकारियों को देखने के बाद उनके ही लहजे में ही काम करना शुरू कर दिया। उसके बोलने और चलने-फिरने के साथ रहन-सहन पूरा अधिकारियों जैसा दिखता है। यही वजह कि वह कई बार पुलिस के हाथ भी लगी, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया।

नकली पुलिसकर्मी के पास यह हुआ था बरामद

1. अंगोला खाखी रंग की फूल शर्ट।
2. एक नीले रंग की सीटी डोरी मय काली सिटी ।
3. दो मप्र पुलिस बैच मय पिन के।
4. एक चमड़े का बेल्ट रंग काला, जिस पर हिन्दी में मध्यप्रदेश पुलिस लिखा है।
5. एक आई कार्ड जो रेवेन्यू डिपार्टमेंट का होकर सोहित मोरखले के नाम प्लास्टिक व नीले रंग की पट्टी लगी है।
6. सफेद रंग की बिना नंबर की इनोवा कार।