फरारी काट रहे गैंगेस्टर विकास दुबे का सुराग देने वालों की पहचान हुई

उज्जैन के फूल विक्रेता, मंदिर के गार्ड, 3 पुलिसकर्मी व अन्य 3 को मिलेगा 5 लाख का इनाम 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद फरारी काट रहा था विकास

फरारी काट रहे गैंगेस्टर विकास दुबे का सुराग देने वालों की पहचान हुई

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सीओ देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मियों के बहुचर्चित हत्याकांड के दोषी गैंगस्टर विकास दुबे की शिनाख्त और उसकी गिरफ्तारी में मदद करने वालों की उज्जैन पुलिस ने पहचान कर ली है। इसमें तीन आम नागरिक समेत तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इन्हीं छह लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से घोषित पांच लाख का इनाम दिया जाएगा। उज्जैन जोन के आईजी राकेश गुप्ता ने बताया कि इनाम के लिए चिन्हित लोगों के नाम उत्तर प्रदेश सरकार को भेजे जाएंगे। उधर, इनाम के लिए चिन्हित सुरेश कंहार ने यूपी जाकर इनाम लेने में खतरे की आंशका जताई है। गैंगस्टर विकास दुबे कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के छह दिन बाद फरारी काटते हुए नौ जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा था। यहां उसे सबसे पहले मंदिर के बाहर हारफूल बेचने वाले सुरेश कहार ने पहचाना। उसने मंदिर के निजी सिक्योरिटी गार्ड राहुल शर्मा व धर्मेंद्र परमार को बताया। सुरेश ने बताया था कि वह न्यूज चैनलों में विकास दुबे की फोटो देखा था। जब उसकी दुकान पर वह फूल लेने आया, तो उसे आशंका हुई कि कहीं यह विकास दुबे तो नहीं है? इसके बाद ही उसने मंदिर सुरक्षाकर्मियों को बताया। उसके बाद तीनों ने महाकाल पुलिस चैकी के आरक्षक विजय राठौर, जितेंद्र कुमार और परशराम को जानकारी दी। तीनों पुलिसकर्मी विकास को संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर चैकी आए थे। विकास दुबे पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से घोषित पांच लाख का इनाम किसे दिया जाए, यह पता करने के लिए उज्जैन एसपी की ओर से तीन अपर पुलिस अधीक्षकों की टीम बनाई गई थी। इसमें अमरेंद्र सिंह, आकाश भूरिया और तत्कालीन एएसपी रुपेश भूरिया शामिल थे। पुलिस अधिकारियों ने मंदिर से लेकर शहर भर में लगे करीब 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। चश्मदीदों के बयान लिए। तब कहीं जाकर इनाम के लिए छह लोगों के नाम चिन्हित किए गए।