नोटबंदी के 6 साल बाद आरबीआई बदलेगी 1.60 लाख रुपए के पुराने नोट

बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के एक व्यक्ति की याचिका पर चलन से बाहर हुए थाने में जमा कराए उसके पुराने नोट बदलने के लिए दिया ऑर्डर

नोटबंदी के 6 साल बाद आरबीआई बदलेगी 1.60 लाख रुपए के पुराने नोट

मुंबई। एलएनएन की रिपोर्ट्स के अनुसार बांबे हाई कोर्ट ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई को नोटबंदी के बाद महाराष्ट्र निवासी एक व्यक्ति के एक लाख 60 हज़ार रुपए के पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक को 1.60 लाख रुपये के पुराने नोटों को नए और वैध नोटों से बदलने का निर्देश दिया। जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने किशोर सोहोनी द्वारा दायर याचिका में यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने नोटबंदी से पहले अदालत के आदेश के अनुसार उक्त राशि थाने में नकद में जमा की थी। 8 नवंबर 2016 को भारत सरकार की अधिसूचना के बाद नोटबंदी के तहत कुछ नोटों को बंद कर दिया गया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनका मानना है कि चूंकि उनके नकद रुपए एक ऑथोरिटी (पुलिस) के पास जमा थे, इसलिए उन्हें नोटबंदी से बचाया जा सकता है। हालांकि जब मजिस्ट्रेट ने 20 मार्च 2017 को याचिकाकर्ता को पुलिस स्टेशन से रुपए लेने का निर्देश दिया तो उसे पुराने नोट सौंपे गए। इस समय तब तक ये नोट बंद हो चुके थे। 

अदालत ने कहा- वित्त मंत्रालय की 12 मई, 2017 की अधिसूचना के अनुसार याचिकाकर्ता निर्दिष्ट बैंक में नोटों को जमा करने या बदलने का हकदार
अदालत ने कहा कि वित्त मंत्रालय की 12 मई, 2017 की अधिसूचना के अनुसार एक व्यक्ति अदालत के आदेश के बाद ज़ब्त किए गए जो नोट वापस मिले हैं, वह निर्दिष्ट बैंक में जमा करने या बदलने का हकदार है। आरबीआई को पत्र लिखने के बाद सोहोनी ने अधिवक्ता साधना सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

हालांकि आरबीआई को इस संबंध में अदालत के निर्देश की आवश्यकता थी। पीठ ने कहा कि जेएमएफसी -3, कल्याण का एक आदेश है जिसमें याचिकाकर्ता को करेंसी नोट वापस करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन उस आदेश में आरबीआई को नोटबंदी यानी डिमोनेटाइज़ करेंसी को वैध नोट से बदलने का निर्देश नहीं है। अदालत ने कहा कि आरबीआई की दलील में कोई गलती नहीं है और उसी के अनुसार सोहोनी के पक्ष में आदेश पारित किया।