आशा कार्यकर्ताओं ने डबरा सिविल अस्पताल में प्रभारी पर उठाए गंभीर आरोप

भ्रष्टाचार का आरोप

आशा कार्यकर्ताओं ने डबरा सिविल अस्पताल में प्रभारी पर उठाए गंभीर आरोप

डबरा सिविल अस्पताल में बीसीएम प्रभारी पर एक दर्जन से अधिक आशा कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, स्वास्थ्य विभाग का यह पहला मामला नहीं है कि जब इस तरह से भ्रष्टाचार के आरोप किसी पर लग रहे हैं।   

स्वास्थ्य विभाग इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है और ये हम नहीं कह रहे ये कहना है यहाँ काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं का, दरअसल डबरा के सिविल अस्पताल में बीसीएम और अतरिक्त प्रभारी अतेंद्र सिंह रावत पर एक साथ कई आशा कार्यकर्ताओं ने पैसे लेने का गंभीर आप लगाया है।
यहाँ आपको बता दें आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ रहती हैं और शासकीय कार्य जैसे गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण वा सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का प्रचार प्रसार कर जमीनी स्तर पर ले जाने का कार्य करती हैं, समय आने पर अपने दमखम के साथ चुनाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका आशा अदा करती हैं। लेकिन यहां पर मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि बीसीएम के पद पर पदस्थ अतेंद्र सिंह रावत हमारी फाइलों को कसेक्सन करने और हमारा भुगतान करने के एवज में प्रत्येक फाइल पर 15 सौ से  2 हज़ार रुपया लेता है ,तभी हमारा भुगतान करता है अगर हमने रिश्वत के पैसे नहीं दिए तो हमारा भुगतान नहीं करता है। कई बार हमसे नगद पैसा भी लिया जाता रहा है तो कई बार डिजिटल पेमेंट कर हमसे रिश्वत का पैसा लिया गया है। विभाग के मौजूद अधिकारियों को कई बार मौखिक बता कर शिकायत भी की है लेकिन भ्रष्ट बीसीएम प्रभारी अतेंद्र सिंह रावत के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।  आशा कार्यकर्ताओं ने भ्रष्ट बीसीएम से बचाने की गुहार लगाई है उनका ये भी कहना है कि बीसीएम की प्रताड़ना से तंग आकर हमें आगे चलकर नौकरी छोड़नी पड़ेगी।क्योंकि सरकार द्वारा दिया जाने वाला वेतन से हमें रिश्वत देनी पड़ती है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारा घर परिवार कैसे चलता होगा, हम बड़ी मुश्किल से अपने घर परिवार को चला पाते है उसे पर से रिश्वतखोर बीसीएम को पैसा देना पड़ता है हम अपने क्षेत्र में ना रात देखते हैं ना दिन हर समय शासकीय कम में सहयोग में लगे रहते हैं, वहीं इस मामले में ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आर के राजौरिया का रटा-रटाया जवाब है कि शिकायत होने पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि अपनी नाक के नीचे पनप रहे भ्रष्टाचार को रिश्वत में हिस्सेदार अधिकारी कैसे खत्म कर पाएंगे।

बाइट-: अर्चना राणा आशा कार्यकर्ता 
बाइट-: आशा कार्यकर्ता
बाइट-: आशा कार्यकर्ता
बाइट-: आर के राजौरिया सीएमएचओ ग्वालियर