नर्मदा पुरम से भोपाल तक साइकिल पर यात्रा, सुरेंद्र बामने का स्वच्छता संदेश"

सुरेंद्र बामने की साइकिल यात्रा

नर्मदा पुरम से भोपाल तक साइकिल पर यात्रा, सुरेंद्र बामने का स्वच्छता संदेश"

ग्वालियर 
शहरी क्षेत्र में जागरूकता आई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आज भी मासिक धर्म के लिए पुराने परंपरागत तरीकों का ही इस्तेमाल करती हैं। जिससे उनमें संक्रमण की संभावना बनी रहती है। इसी मकसद को पूरा करने के लिए नर्मदा पुरम के रहने वाले सुरेंद्र बामने प्रदेश भर की साइकिल यात्रा पर निकले हैं। उन्होंने यह यात्रा 6 दिसंबर को नर्मदा पुरम से शुरू की थी। अब वह पूरे मध्य प्रदेश को अपनी साइकिल यात्रा से नापते हुए मार्च में इसका समापन भोपाल में करेंगे। जहां वह मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेंट करेंगे ।उनका कहना है कि सेनेटरी पैड महिलाओं को निशुल्क रूप से उपलब्ध कराए जाए। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आज भी गंदे कपड़ों का अपने मासिक धर्म के लिए इस्तेमाल करती हैं जो कहीं से भी सुरक्षित नहीं है ।इसलिए सभी महिलाओं खास कर लड़कियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें निशुल्क रूप से सैनिटरी पैड के प्रति जागरूक कर पैड का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। सुरेंद्र बामने का कहना है कि एक बार वह मुंबई से ट्रेन द्वारा इटारसी आ रहे थे तब रास्ते में एक स्कूली छात्रा को अचानक हुई रक्तस्राव की स्थिति से गुजरना पड़ा। इसे देखकर उन्होंने मन में विचार किया कि वह महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें मासिक धर्म में सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे। इसके लिए वे अपने क्षेत्र में एक पैदल यात्रा भी कर चुके हैं।  रविवार को ये ग्वालियर पहुंचे। यह उनका 25 वां जिला है। वह अभी तक 2950 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से कर चुके हैं। उनका कहना है मार्च में यह यात्रा लगभग 6000 किलोमीटर तक की हो जाएगी।
बाइट सुरेंद्र बामने...सायकिल यात्री