एमपी के 600 आयुष चिकित्सकों को नौकरी से निकालने का आदेश, कोरोनाकाल में दी थी सेवाएं

अस्थाई रूप से इन डॉक्टरों की नियुक्ति 31 मार्च तक की गई थी, अब इनके लिए सरकार के पास बजट नहीं है, इनकी सेवाएं 1 अप्रैल से समाप्त हो जाएंगी

एमपी के 600 आयुष चिकित्सकों को नौकरी से निकालने का आदेश, कोरोनाकाल में दी थी सेवाएं

भोपाल। मध्य प्रदेश के आयुष चिकित्सकों पर आफत आई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम ने 600 से अधिक चिकित्सकों को सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार ये आदेश 23 मार्च को जारी किया गया था, जो 1 अप्रैल से लागू हो गया। ये वे आयुष चिकित्सक हैं, जिन्होंने कोरोनाकाल में प्रदेश में अपनी सेवाएं दी हैं। जानकारी के अनुसार इन आयुष चिकित्सकों ने दो साल तक ओपीडी संभाली। मरीजों के टेस्ट, ट्रीटमेंट, कोरोना सेंटर और वैक्सीनेशन से लेकर आईसोलेशन तक पूरी जिम्मेदारी से काम किया। हालांकि शुरुआत से ही इनकी नियुक्तियां अस्थाई थीं, लेकिन समय के मुताबिक इसे बढ़ाया गया था। इस मामले पर अब प्रदेशभर के चिकित्सक विरोध प्रदर्शन का मन बना रहे हैं। उनकी रणनीति तैयार हो रही है। उल्लेखनीय है कि 2 साल पहले इन आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनएचएम के माध्यम से की थी, प्रदेश के 51 जिलों में इनकी भर्ती हुई थी। उसके तीन महीने बाद इनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। कार्यकाल बढ़ने बाद इन सभी को जिला अस्पतालों, कोविड सेंटरों, सिविल अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में नियुक्त किया गया। इन चिकित्सकों की भर्ती के वक्त जो आदेश निकला था, उसके मुताबिक कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए अस्थाई रूप से इन डॉक्टरों की नियुक्ति 31 मार्च तक की गई थी। अब इनके लिए सरकार के पास बजट नहीं है। इनकी सेवाएं 1 अप्रैल से समाप्त हो जाएंगी।