एमपी व सीजी के मुर्गे की मांग बढ़ी, 8 सौ 50 रुपए का है कड़कनाथ 

कोरोना ने बढ़ाई कीमत, इसका मांस करता है इम्युनिटी बूस्ट हृदय, श्वांस व एनेमिक पीड़ितों के लिए फायदेमंद

एमपी व सीजी के मुर्गे की मांग बढ़ी, 8 सौ 50 रुपए का है कड़कनाथ 

देश के राज्यों मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले काले मुर्गे की एक नस्ल को कड़कनाथ के नाम से जाना जाता है, कोरोना संक्रमण के चलते इसकी मांग बढ़ गई है. एक कड़कनाथ 8 सौ 50 रुपए का है. बताया जाता है कि इसका मांस इम्युनिटी बूस्ट करता है. इसके मांस में ज्यादा प्रोटीन होने की वजह से हृदय, श्वांस व एनेमिक से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, वायरस के प्रकोप के बीच इन दिनों काले चिकन (कड़कनाथ) की मांग काफी बढ़ गई है. कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान मांग घट गई थी, लेकिन जब से अनलॉक लागू हुआ है, मांग लगातार बढ़ती जा रही है.

एमपी सरकार इनके उत्पादन को बढ़ावा दे रही है
मध्य प्रदेश सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने पोल्ट्री फार्म मालिकों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अपने उत्पादन और बिक्री को बढ़ाने के लिए एक योजना बनाई है. इस नस्ल के मुर्गे के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए सहकारी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार जिलों के पंजीकृत पोल्ट्री फार्मों में ऐसे कुल 300 सदस्य हैं, जो इन मुर्गों को पालते हैं. झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख तोमर ने कहा कि देशभर के कुक्कुट मालिक कड़कनाथ चूजों को खरीदने के लिए आ रहे हैं. हालांकि कोरोना वायरस के खिलाफ इस मुर्गे के उपभोग को लेकर कोई अलग वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया है. हालांकि यह जरूर पाया गया है कि इस खास किस्म के चिकन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अन्य मुर्गों की तुलना में कम होती है. दिल्ली में इस नस्ल के एक मुर्गे की कीमत करीब 850 रुपये है.