सूखे की चपेट में आते ही यूरोप की rivers उगलने लगीं युद्धपोत और बम

यूरोप की सबसे विशालकाय नदियों में से एक डेन्यूब का प्रवाह भी सूखे के कारण लगभग एक सदी में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे सर्बिया के नदी बंदरगाह शहर प्राहोवो के पास द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 20 से अधिक जर्मन युद्धपोतों के डूबने का पता चला है। इटली ने पो नदी के आसपास के क्षेत्रों में पानी का स्तर कम होने से द्वितीय विश्व युद्ध के जमाने का 450 किलोग्राम वजनी बम मिला है।

सूखे की चपेट में आते ही यूरोप की rivers उगलने लगीं युद्धपोत और बम
यूरोप की सबसे विशालकाय नदियों में से एक डेन्यूब का प्रवाह भी सूखे के कारण लगभग एक सदी में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे सर्बिया के नदी बंदरगाह शहर प्राहोवो के पास द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 20 से अधिक जर्मन युद्धपोतों के डूबने का पता चला है। ये जहाज 1944 में नाजी जर्मनी के काला सागर बेड़े में शामिल थे, जो डेन्यूब के किनारे गश्त लगाया करते थे।

21 अगस्त 22।   पूरे यूरोप में हफ्तों से जारी सूखे के कारण नदियों और झीलों में पानी का स्तर गिर गया है। इस कारण कई इलाकों में सदियों से पानी के नीचे दफन चीजें बाहर निकलने लगी हैं। इनमें से कुछ किसी खजाने से कम नहीं हैं। सर्बिया में डेन्यूब नदी के जलस्तर के घटने से (Europe's rivers spewing warships and bombs)द्वितीय विश्व युद्ध में डूबे हुए नाजी जर्मनी के 20 से अधिक युद्धपोत पहली बार नजर आए हैं। स्पेन में प्रागैतिहासिक काल का एक पत्थर मिला है, जिसे प्राचीन समय में बांध के नीचे लगाया जाता था। इटली ने पो नदी के आसपास के क्षेत्रों में तो द्वितीय विश्व युद्ध के समय के 450 किलोग्राम का बम मिलने से आपातकाल का ऐलान कर दिया गया है।

स्पेन में पानी के नीचे से निकला प्रागैतिहासिक पत्थर

स्पेन दशकों में सबसे खराब सूखे के दौर से गुजर रहा है। इस कारण पुरातत्वविदों को पानी में से बाहर आया एक प्रागैतिहासिक पत्थर मिला है। इस पत्थर पर चक्र बना हुआ है, जिसे "स्पैनिश स्टोनहेंज" कहा जाता है। इस पत्थर को आमतौर पर किसी बांध के पानी के नीचे रखा जाता था। यह पत्थर डोलमेन के ग्वाडलपेरल में मिला है, जो कैसेरेस के वाल्डेकानस जलाशय के अंदर स्थित है। अधिकारियों का कहना है कि इस जलाशय का जल स्तर क्षमता के 28 फीसदी तक गिर गया है। इसे 1926 में जर्मन पुरातत्वविद् ह्यूगो ओबरमायर ने खोजा था।

जर्मनी में नजर आने लगे हंगर स्टोन

जर्मनी में राइन नदी के किनारे भी जलस्तर घटने से हंगर स्टोन नजर आने लगे हैं। इससे लोगों की पिछले सूखे की यादें भी ताजा हो गई हैं। हाल के हफ्तों में जर्मनी की सबसे बड़ी नदी के किनारे ऐसे कई पत्थर दिखाई दिए हैं। कुछ लोगों ने इन पत्थरों को सूखे के दौरान कठिनाइयों की चेतावनी के तौर पर स्थापित किया था। जो सिर्फ सूखे के हालात में ही दिखाई देते हैं। ये पत्थर फ्रैंकफर्ट के दक्षिण में वर्म्स, और लीवरकुसेन के पास रेनडॉर्फ में नजर आए हैं। इससे पहले ये पत्थर 1947, 1959, 2003 और 2018 में नजर आए थे।(Europe's rivers spewing warships and bombs)

डेन्यूब में पानी घटा तो दिखाई दिए द्वितीय विश्व युद्ध के युद्धपोत

यूरोप की सबसे विशालकाय नदियों में से एक डेन्यूब का प्रवाह भी सूखे के कारण लगभग एक सदी में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे सर्बिया के नदी बंदरगाह शहर प्राहोवो के पास द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 20 से अधिक जर्मन युद्धपोतों के डूबने (Europe's rivers spewing warships and bombs)का पता चला है। ये जहाज 1944 में नाजी जर्मनी के काला सागर बेड़े में शामिल थे, जो डेन्यूब के किनारे गश्त लगाया करते थे। ये जहाज सोवियत सेना के हमले में डूब गए थे। ऐसे में डेन्यूब का पानी जब भी कम होता है तो इन जहाजों का मलबा नदी यातायात में बाधा डालते हैं।

इटली में मिला 450 किलोग्राम का जिंदा बम

इटली ने पो नदी के आसपास के क्षेत्रों में पानी का स्तर कम होने से द्वितीय विश्व युद्ध के जमाने का 450 किलोग्राम वजनी बम मिला है। इस कारण स्थानीय प्रशासन को नदी के पास के इलाकों में आपातकाल का ऐलान करना पड़ा। इन बमों की खोज जुलाई के आखिरी में की गई थी। इस कारण मंटुआ शहर के करीब बोर्गो वर्जिलियो के उत्तरी गांव के पास रहने वाले लगभग 3,000 लोगों को निकाला गया था। बाद में सैन्य विशेषज्ञों ने नियंत्रित विस्फोट कर इस बम को निष्क्रिय कर दिया।