भारत में पहले फेज में 31 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगेगी, प्रायरिटी ग्रुप तय

नेशनल वैक्सीन कमेटी ने ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है

भारत में पहले फेज में 31 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगेगी, प्रायरिटी ग्रुप तय

भारत में कोरोना वैक्सीन आने से पहले प्रायरिटी ग्रुप तय हो गया है। पहले फेज में 31 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें हेल्थकेयर वर्कर्स, पुलिस, 50 साल से ज्यादा उम्र के प्रायरिटी ग्रुप मेंबर और हाई रिस्क ग्रुप के युवा भी शामिल रहेंगे। सरकार ने यह भी तय किया है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के दो डोज के ट्रायल्स से जो शुरुआती डेटा में दो फुल-शॉट से जो नतीजे आए हैं, उन पर ही विचार किया जाएगा। प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजयराघवन के मुताबिक डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व वाली नेशनल वैक्सीन कमेटी ने ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है कि किसे सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने विज्ञान मंत्रालय और द कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की एक मीटिंग में बताया कि 31 करोड़ लोगों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें मार्च से मई के बीच में वैक्सीन लगाई जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- 2021 की पहली तिमाही से वैक्सीन लगाना शुरू होगा
विजयराघवन ने कहा कि हमारे देश में एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स, राज्यों और केंद्र सरकार की पुलिस, आर्म्ड फोर्सेस, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस के 2 करोड़, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्रायरिटी ग्रुप के 26 करोड़ मेंबर्स और 50 वर्ष से कम उम्र के हाई रिस्क ग्रुप के 1 करोड़ मेंबर्स को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कह चुके हैं कि 2021 की पहली तिमाही से वैक्सीन लगाना शुरू होगा। 25 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी है। जुलाई तक 40-50 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएंगे। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका के कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड के फेज-3 या अंतिम फेज के ट्रायल्स के नतीजे आ गए हैं। दो फुल डोज देने पर एफिकेसी 62ः रही और जब एक हाफ और एक फुल डोज दिया गया तो एफिकेसी 90 प्रतिशत रही। इन दो फार्मूलों में से भारत में किस डेटा पर विचार किया जाएगा, इस पर नेशनल वैक्सीन कमेटी के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि रेगुलेटर्स डेटा की जांच कर रहे हैं। जो भी फैसला होगा, वह वैज्ञानिक आधार पर होगा। यह डेटा गोपनीय होता है, इस पर सार्वजनिक बहस करना सही नहीं है। वहीं, कुछ अन्य भारतीय अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (न्ैथ्क्।) ने वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत इफेक्टिवनेस जरूरी की है। ऐसे में दो फुल डोज वाले फॉर्मूले के नतीजे भी अच्छे ही हैं।