भविष्य में नियमित भर्ती में 50% पद अतिथि व्याख्याताओं के लिए आरक्षित
पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं का आंदोलन: 1000 शिक्षक लड़ रहे अन्याय
चुनावी साल में आंदोलनो का दौर जारी है, पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याता संघ मध्य प्रदेश के बैनर तले एक बड़ा आंदोलन शुरू हुआ है जिसमें नारा लगाया जा रहा है कि "जॉब नहीं तो वोट नहीं", ग्वालियर के महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के बाहर सड़क पर अतिथि व्याख्याता बैठ गए हैं और सरकार से अपनी पांच सूत्रीय मांगों को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं।
दरअसल पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याता संघ मध्य प्रदेश ने मांग की है कि शासन तकनीकी शिक्षा कौशल विकास और रोजगार विभाग से संबंधित 69 शासकीय, स्वशासी, महिला और अनुदान प्राप्त पॉलिटेक्निक कॉलेज के साथ ही पांच इंजीनियरिंग कॉलेज में 20 सालों से कार्यरत लगभग 1000 अतिथि व्याख्याताओ के साथ न्याय नही हो रहा है,उन्हें AICTE नियम अनुसार संस्था में शैक्षणिक ,परीक्षा, मूल्यांकन, प्रवेश प्रक्रिया, रैगिंग कमेटी , निर्वाचन सहित अन्य प्रशासनिक कार्य कराए जा रहे है,वर्तमान में 27 जनवरी 2022 के आदेश से फ्रेसर अतिथि व्याख्याताओ को 30 हजार फिक्स मानदेय दिया जा रहा है जबकि वर्षों से कार्यरत व्याख्याताओ को 30 जून 2018 से निरंतर 11 माह की अनुबंधात्मक नियुक्ति के आधार पर 400 रुपये प्रति लेक्चर देना उनका शोषण और अन्याय पूर्ण व्यवस्था को दर्शाता है समान योग्यता और समान कार्य के लिए एक विभाग में ही दो अलग-अलग वेतनमान देना गलत है। यही वजह है कि पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याता ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए अब आंदोलन शुरू कर दिया है।
ये है 5 सूत्रीय माँगें...
- वर्तमान में ₹400 प्रति कालखंड में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओ का डाटा DTE पोर्टल पर सार्वजनिक कर 12 माह फिक्स न्यूनतम मानदेय दिया जाए
- वर्तमान में कार्यरत अतिथि व्याख्याता को 65 वर्ष की आयु सीमा तक स्थायित्व दिया जाए
- महिला अतिथि व्याख्याताओ को अवैतनिक मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाए
- भविष्य में होने वाली नियमित भर्ती में 50% पद अतिथि व्याख्याताओ के लिए आरक्षित किए जाएं
- फॉलेन आउट अतिथि व्याख्याताओ को शीघ्र नियुक्त कर अन्य विभागीय कार्य लिए जाएं
बाइट- कुकी चिरगैया- अतिथि व्याख्याता