अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत की देन, योगा फॉर ह्यूमैनिटी है इस बार की थीम
आपको बता दें कि 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में भाषण देते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद 11 दिसंबर 2014 को सिर्फ 3 महीने के अंदर बहुमत के साथ योग दिवस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया और 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। योग दिवस की शुरुआत 2015 को हुई थी, जिसके बाद हर साल 21 जून को दुनियाभर में योग दिवस मनाया जाता है।
20 जून 22। योग हमारी संस्कृति और जड़ों से जुड़ा हुआ है। इसलिए स्वस्थ और खुशहाल बनने के लिए योग काफी असरदार होता है। भारत के साथ आज पूरी दुनिया योग की ताकत को मानती है और इसलिए हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सेलिब्रेट किया जाता है, लेकिन इंटरनेशनल योगा डे की डेट 21 जून ही क्यों चुनी गई। दरअसल इसके पीछे एक छिपा हुआ कारण है, जिसे हम योगा डे के इस आर्टिकल में जानेंगे। इसके साथ ही जानते हैं कि योग दिवस मनाने की शुरुआत कब और क्यों हुई व इंटरनेशनल योगा डे 2022 की थीम क्या रहेगी।
कब मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और इसका महत्व?
हर साल यह सवाल इंटरनेट पर घूमने लगता है कि इंटरनेशनल योगा डे कब मनाया जाता है? जिसका जवाब है कि हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में भाषण देते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद 11 दिसंबर 2014 को सिर्फ 3 महीने के अंदर बहुमत के साथ योग दिवस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया और 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। योग दिवस की शुरुआत 2015 को हुई थी, जिसके बाद हर साल 21 जून को दुनियाभर में योग दिवस मनाया जाता है।
योग दिवस का महत्व
सदियों पहले भारत में योग की शुरुआत हो चुकी थी, जो कि एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रैक्टिस है। योग दिवस का महत्व यही है कि लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता फैलाई जा सके। क्योंकि, आजकल शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण हमारा स्वास्थ्य काफी खराब हो गया है और योग, प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करके हम फिर से पूर्ण रूप से स्वस्थ बन सकते हैं।
खास है इंटरनेशनल योगा डे 2022 की थीम
यूएन के मुताबिक, पूरी दुनिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम 'मानवता के लिए योग (Yoga for Humanity)' रखी गई है। इस योग दिवस की थीम 'योगा फॉर ह्यूमैनिटी' भी कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए चुनी गई है। क्योंकि कोरोना महामारी ने ना सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि चिंता (anxiety), अवसाद (depression) जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं भी दी हैं। जो कि इस समय मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वहीं, योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग व शरीर के बीच संतुलन बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया में मानवीय रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी है। इसलिए ही मानवता के लिए योग का सहारा लिया जाना चाहिए।
21 जून को योग दिवस मनाने का छिपा हुआ कारण
हर साल 21 जून को योग दिवस मनाने के पीछे दो कारण मुख्य कारण है, जिसमें से पहला कारण यह है कि साल के इस दिन सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं। जिसको प्रतीकात्मक रूप से मनुष्य के स्वास्थ्य और जीवन से जोड़ा जाता है। वहीं, दूसरा कारण यह भी माना जाता है कि 21 जून को ग्रीष्म संक्राति को सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और इसके बाद आने वाली पूर्णिमा को भगवान शिव ने अपने सात शिष्यों को पहली बार योग की दीक्षा दी थी। हालांकि, यह कारण पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।