मंदिर समिति के कार्यक्रम में बच्चों की शोभायात्रा, सड़कों पर उमड़ा राम भक्ति का आलम
ग्वालियर के बच्चों ने श्रीराम के विभिन्न रूपों में किया अद्भुत प्रदर्शन
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, मनमोहनी सूरत वाले रामलला और वचन की खातिर वनगमन करने वाले वनवासी राम एक साथ जब गलियों में निकले तो लोगों के मुंह से बरबस ही निकला हमारे राम आ गए। यह दृश्य ग्वालियर के किल्रागेट से गोलपाड़ा के बीच गलियों से उस समय दिखा जब राम बनो प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 85 बच्चे एक साथ भगवान श्रीराम के विभिन्न रूपों में शोभायात्रा के रूप में निकले। इन 85 बच्चों में एक मुस्लिम बच्चा भी था।
बालाजी महाराज के चरणसेवक जगवीर दास ने बताया कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इससे ज्यादा खुशी का अवसर मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता। इसी तारतम्य में मंदिर समिति द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सुबह करीब 85 बच्चे एक साथ शोभायात्रा के रूप में वहां से निकले और किलागेट होते हुए संकट मोचन मंदिर पहुंचे। इस दौरान जब सभी बच्चे रास्ते से एक साथ निकल रहे थे तो सारी गलियों में बस राम ही राम दिखाई दे रहे थे। अपने प्रभु श्रीराम के बालरूप, वनवासी रूप और राजा के रूप् में देखने के लिए लोग अपने घरों के दरवाजे और छतों पर एकत्रित होकर उन्हें निहार रहे थे। कई लोग प्रभु श्रीराम का स्वागत और सम्मान करते भी देखे गये। इसके बाद जब यह राम संकट मोचन मंदिर पहुंचे तो वहां सबसे पहले इनकी आरती उतारी गई और तिलकर कर चरणवंदन किया और मंदिर के अंदर प्रवेश कराया। इसके बाद मंच पर 6 और 10 के ग्रुप में बच्चे मंच पर पहुंचे। जहां किसी ने श्रीराम के गुणगान किये, किसी ने चौपाई सुनाई तो किसी ने भजन सुनाया। इन बच्चों के पहवाने, भाव-भंगिमाओं और इनके द्वारा की एक्टिविटी से निर्णायक मंडल ने विजेताओं का चयन किया। निर्णायक मंडल में वरिष्ठ पत्रकार सुरेश सम्राट, राम उपाध्याय और डॉ.रीना तोमर उपस्थित रहीं।
नन्हीं तष्मिका ने सुनाया जब श्मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारीश् चौपाई का वाचन किया तो लोग कहने लगे कि हमारे प्रभु श्रीराम बालमन में भी बसे हुये हैं। यही कारण है कि यह नन्हीं तमिष्कार इतनी अच्छी तरह से चौपाईयों का वाचन कर पा रही है। राम बने आमिर ने सबका मन मोह लिया। राम बनो प्रतियोगिता में रामबनकर आया सरस्वती स्कूल बादलगढ़ का छात्र आमिर खान ने रामस्तुति कर सबका मन मोह लिया। मंदिर प्रांगण में मौजूद हर सदस्य उसकी सराहना करता नजर आया। आमिर ने सुनाया -कौशल्या, दशरथ के नंदन, राम ललाट पे शोभित चन्दन। रघुपति की जय बोले लक्ष्मण, राम सिया का हो अभिनन्दन। अंजनी पुत्र पड़े हैं चरण में, राम सिया जपते तन मन में।
वाईट- जगवीर दास, बालाजी सेवक