अंतरिक्ष में बना ब्लैक होल आकशगंगा के केंद्र में बना महाविनाशक
आकशगंगा के केंद्र में बना मौजूद ब्लैक होल से बदला स्पेस टाइम
हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है, जिसे सैजिटेरियस ए (Sagittarius A) के नाम से जाना जाता है। अब इसके संबंध में एक नई खोज हुई है। नई स्टडी के अनुसार, यह इतना तेजी से घूम रहा है कि यह अपने आस-पास के स्पेस-टाइम को परिवर्तित कर रहा है। स्पेस-टाइम एक चार-आयामी फैब्रिक है, जो अंतरिक्ष में ग्रहों और सितारों जैसी बड़ी वस्तुओं के चारों ओर मोड़ता है। एक भौतिकविद टीम ने नासा के चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी के माध्यम से इस ब्लैक होल की जाँच की, जो पृथ्वी से 26,000 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है।
चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी एक अंतरिक्ष दूरबीन है, जिसे ब्रह्मांड के गर्म क्षेत्रों से एक्स-रे उत्सर्जन की जाँच के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने ब्लैक होल के आस-पास घूमने वाली सामग्री से रेडियो तरंगों और एक्स-रे उत्सर्जन की जाँच की। इसे एक्रीशन डिस्क (Accretion Disk) के रूप में जाना जाता है। इस पद्धति से उन्होंने सैजिटेरियस ए की घूरण गति की माप की, जिससे नतीजा 21 अक्टूबर को रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस में प्रकाशित हुआ।
शोधकर्ताओं ने यह सत्यापित किया है कि ब्लैक होल घूम रहा है, जिसे लेंस थिरिंग प्रभाव के रूप में जाना जाता है। स्टडी के मुख्य लेखक और पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के भौतिकी प्रोफेसर रूथ डेली ने कहा, 'लेंस-थिरिंग प्रभाव तब उत्पन्न होता है जब एक ब्लैक होल अपने घूमने के साथ स्पेस-टाइम को खींचता है।' उन्होंने एक दशक पहले बहिर्प्रवाह विधि को तैयार किया था। उन्होंने कहा, 'इस स्पिन के साथ सैजिटेरियस ए अपने आस-पास के क्षेत्र में नाटकीय तरीके से स्पेस टाइम में बदलाव कर रहा है।'
उन्होंने बताया कि स्पेस-टाइम में इस प्रकार के परिवर्तन की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन यह घटना खगोलशास्त्रीयों के लिए उपयोगी हो सकती है।