देवास बैंक नोट प्रेस के उपनियंत्रक को उम्रकैद, जूतों में चुराकर ले जाता था नोट, 90 लाख चुराए, रंगेहाथों पकड़ाया था

कोर्ट ने आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास के साथ 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया

देवास बैंक नोट प्रेस के उपनियंत्रक को उम्रकैद, जूतों में चुराकर ले जाता था नोट, 90 लाख चुराए, रंगेहाथों पकड़ाया था

देवास। मध्य प्रदेश के देवास बैंक नोट प्रेस का उपनियंत्रक ही चोर निकला, वह जूतों में नोट भरकर ले जाता था, जो रंगेहाथों पकड़ा गया। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णा परस्ते की कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि ये जघन्य श्रेणी का अपराध है और आरोपी उपनियंत्रक मनोहर वर्मा को 409, 489 (ख) आईपीसी की धारा में उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने वर्मा को 7 साल के सश्रम कारावास के साथ 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।  इस मामले में दोषी अफसर को चार साल बाद उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।  गौरतलब है कि इस घटना का खुलासा साल 2018 की 19 जनवरी को हुआ। सुबह करीब 8 बजे रिजेक्ट नोटों की कटिंग करने वाले सेक्शन में तैनात सीआईएसएफ जवान लिलेस्वर प्रसाद और मनेंद्र सिंह को उपनियंत्रक अधिकारी मनोहर वर्मा (55) पर शक हुआ। जवानों ने देखा कि वर्मा एक बॉक्स में कुछ रख रहे हैं। जवानों ने तुरंत इस बात की सूचना सीनियर अफसर को दी। सूचना मिलते ही विकास चौधरी, डीएल मीणा, पंकज सिंह, अनिल कुमार और आकाश दुबे मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने वर्मा को कपड़े और जूते उतारने के लिए कहा, वर्मा ने जैसे जूते उतारा तो जूतों से 200-200 रुपए के 2 बंडल मिले। इसके बाद आरोपी के केबिन की तलाश ली गई। अधिकारियों को उनकी टेबल से 200 और 500 के 26 लाख से ज्यादा नोट मिले। इसके बाद एक टीम ने उसके घर छापा मारा। उसके घर के दीवान से टीम को 64 लाख 50 हजार रुपए कैश मिला। ये भी 200 और 500 रुपए के नोट थे। इस तरह उपनियंत्रक मनोहर वर्मा के पास से चोरी के 90 लाख रुपए बरामद किए गए। रिपोर्ट के अनुसार फरियादी विकास चौधरी और अन्य के बयान लेने के साथ ही सीसीटीवी फुटेज देखे गए। जांच में पाया गया कि आरोपी मनोहर वर्मा रिजेक्ट नोटों को नष्ट नहीं करते हुए घर लेकर जाता था।