पिछले एक साल से मां के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया, दोनों बहनें शव के साथ रहती थीं।
शव में पड़े कीड़ों को बाहर फेंक देती थी...जब बदबू आती थी तो छत पर जाकर खाना खा लेती थी।
वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के मदरवां में एक साल तक मां के शव के साथ रहने वाली दो बेटियों का मामला सामने आया है। पुलिस ने दोनों बेटियों को हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के मुताबिक, 52 वर्षीय ऊषा तिवारी की शादी बेल्थरारोड के अखौख गांव में देवेश्वर त्रिपाठी से हुई थी। शादी के दस साल बाद पति से विवाद हुआ और ऊषा अपने दो बेटियों के साथ मायके में रहने लगी।
ऊषा की दो बेटियां पल्लवी (27) और वैष्णवी (18) हैं। बेटियों ने बताया कि उनकी मां की 8 दिसंबर 2022 को बीमारी के चलते मौत हो गई थी। पैसे और साधन के अभाव में उन्होंने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया।
बेटियों ने बताया कि मां का शव जब सड़ गया तो उसमें खूब कीड़े पड़ गए थे। वह कीड़े निकालतीं और बाहर फेंक देती थीं। शुरू में पंद्रह दिन तो बहुत दुर्गंध उठी, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। दोनों बेटियां किचन में खाना बनाने के बाद छत पर ले जाकर खाती थीं।
मंगलवार को ऊषा की छोटी बेटी उपासना और उसका पति धर्मेंद्र मदरवां स्थित मकान पर गए। बेटियों ने दरवाजा नहीं खोला। तब धर्मेंद्र ने डायल 112 पर सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया। अंदर देखा तो ऊषा का कंकाल मिला। बेटियों से पूछताछ के बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस का कहना है कि दोनों बेटियों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। फिलहाल दोनों को मिर्जापुर निवासी मौसी और मौसा के संरक्षण में दिया गया है।