मप्र: ग्लोबल स्किल पार्क में 3 साल में 10 हजार युवाओं का हुनर निखारेंगे सिंगापुर के एक्सपर्ट
सिंगापुर शिक्षा मंत्रालय की संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड सर्विसेज के साथ करार, राजधानी भोपाल में 2022 तक बन जाएगा पार्क, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने लिया जायजा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्लोबल स्किल्स पार्क का निर्माण पूरा करने के लिए डेड लाइन दिसंबर 2022 तय की गई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चाय पर चर्चा के दौरान तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट से अवगत कराया था। यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। वे 2017 में सिंगापुर दौरे पर गए थे। वहां के ग्लोबल स्किल पार्क को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने मप्र में इसी तर्ज पर पार्क बनाने का निर्णय लिया था। उन्होंने बताया कि भोपाल के नरेला संकरी में 36 एकड़ में पार्क का निर्माण शुरू हो चुका है। इस प्रोजेक्ट की लागत 1548 करोड़ रुपए है। स्किल पार्क के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड को सुपरवाइजिंग एजेंसी बनाया गया है। इसके निर्माण से लेकर संचालन तक के लिए मप्र सरकार ने सिंगापुर शिक्षा मंत्रालय की संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड सर्विसेज के साथ करार किया है। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात के पहले पार्क के निर्माण कार्यों का जायजा लिया था। कौशल विकास विभाग के अफसरों का कहना है कि ग्लोबल स्किल पार्क परिसर में लगभग 500 से अधिक पेड़ लगे हुए हैं। इनमें से लगभग 177 पेड़ों को चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें नियमानुसार अनुमति प्राप्त करने के बाद ही काटा गया है। निर्माणाधीन एजेंसी ने जानकारी दी कि परिसर में 4 गुना अधिक पेड़ों को लगाया जाएगा, ताकि पक्षियों के लिए प्राकृतिक रूप से घरौंदे बन सकेंगे।
11 सेक्टर्स में होगी ट्रेनिंग
ग्लोबल स्किल्स पार्क में युवाओं को स्किल डवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग देने के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है। इसके मुताबिक पहले दो साल में 5-5 हजार युवाओं को ट्रेंड किया जाएगा। इसके 3 साल में 10-10 हजार और पांच साल में 40 हजार को ट्रेनिंग देने का टारगेट है। मेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल इलेक्ट्रानिक्स, पावर एंड कंट्रोल, नेटवर्क एंड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग, मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल सर्विसेज, ऑटोमोटिव, मेकेनिकल टैक्नॉलाजी, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और प्रिसिजन इंजीनियरिंग में युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।